मेडिकल कॉलेजों को 57 सीनियर रेजिडेंट , अस्पतालों को 79 स्पेशलिस्ट भी और इन्हें मिलेगा महीने में इतना वेतन…
शिमला, 15 अप्रैल (हिमाचल नाऊ न्यूज़)–
प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। राज्य के विभिन्न नागरिक अस्पतालों को 79 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती मिली है, जिनमें पीजीआई चंडीगढ़ और एम्स दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से एसआरशिप पूरी करने वाले चिकित्सक शामिल हैं।
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इन विशेषज्ञ डॉक्टरों में से अधिकांश को आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में नियुक्त किया गया है, जिससे इन अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता और बेहतर हो सकेगी।इसके अतिरिक्त, राज्य के छह मेडिकल कॉलेजों और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चमियाना की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए 57 डॉक्टरों का चयन सीनियर रेजिडेंट और ट्यूटर स्पेशलिस्ट के पदों पर किया गया है।
चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय हिमाचल प्रदेश द्वारा की गई इस नियुक्ति से आईजीएमसी शिमला, अटल सुपर स्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाना, टांडा मेडिकल कॉलेज (टीएमसी), मेडिकल कॉलेज नाहन, मेडिकल कॉलेज नेरचौक (मंडी), मेडिकल कॉलेज हमीरपुर और मेडिकल कॉलेज चंबा को नए रेजिडेंट डॉक्टर मिल गए हैं।
निदेशालय द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, आईजीएमसी शिमला में छह, टीएमसी में आठ, मेडिकल कॉलेज नाहन में छह, मेडिकल कॉलेज नेरचौक में पांच, मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में सर्वाधिक 20, मेडिकल कॉलेज चंबा में एक और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चमियाना में 11 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति तीन साल की अवधि के लिए की गई है।
इन नियुक्त सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को सेवाकाल में एक वर्ष में केवल 15 अर्जित अवकाश और 12 आकस्मिक अवकाश ही मिलेंगे। उन्हें एक महीने की सेवा पूरी करने के बाद ही ग्रीष्मकालीन अवकाश का अधिकार प्राप्त होगा।
नियुक्त सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के वेतनमान की बात करें तो पहले वर्ष में उन्हें 60,000 रुपये प्रतिमाह, दूसरे वर्ष में 62,500 रुपये प्रतिमाह और तीसरे वर्ष में 65,000 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा।
इन डॉक्टरों का वेतन संबंधित सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट स्पेशलिस्ट के स्वीकृत पद के विरुद्ध दिया जाएगा। सीनियर रेजीडेंसी के लिए चयनित जीडीओ अपने अंतिम संस्थान द्वारा जारी किया गया अंतिम वेतन प्रमाण पत्र (एलपीसी) प्रस्तुत करेंगे, ताकि उन्हें सीनियर रेजिडेंट के पद के अनुरूप वेतन प्राप्त हो सके।
सरकार के इस कदम से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। मेडिकल कॉलेजों में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति से शिक्षण और प्रशिक्षण गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
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