नशा छोड़ चुके युवाओं को बनाएं रोल मॉडल
HNN/बिलासपुर
जिले को नशा मुक्त बनाने के लिए सरकारी विभाग तथा गैर सरकारी संस्थाएं कर रही कार्य
बिलासपुर 26 सितम्बर- जिला बिलासपुर में नशे के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पंचायत स्तर तक एक व्यापक अभियान चलाने की आवश्यकता है। जिले को नशा मुक्त बनाने हेतू नशे की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन, पुलिस विभाग तथा अन्य गैर सरकारी संस्थाएं कार्य कर रही है, ताकि जिले को नशा मुक्त बनाया जा सके। यह बात एडीसी डॉक्टर निधि पटेल ने बचत भवन में वीरवार को जिला स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जिला बिलासपुर को नशा मुक्त बनाने के लिए समाज के हर व्यक्ति को एकजुट होकर अपनी नैतिक जिम्मेवारी समझते हुए आगे आना होगा।
नशा छोड चुके लोगों को बनाए रोल मॉडल
उन्होंने कहा कि नशे की रोकथाम के लिए जिले में पंचायत स्तर तक जागरूकता शिविर चलाए जाने चाहिए । कहा कि जो लोग नशे के चुंगल से बाहर आ चुके हैं और समाज की बेहतरी के लिए कार्य कर रहे हैं, ऐसे लोगों को रोल मॉडल बनाएं, ताकि यह लोग नशे की रोकथाम के लिए लोगों को विशेष कर युवाओं को जागरुक कर सकें। उन्होंने कहा कि समाज के बुद्धिजीवी, शैक्षणिक संस्थाओं के अध्यापक, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि, युवा विद्यार्थी और गैर सरकारी संस्थाएं मिलकर नशे की रोकथाम के लिए योजना तैयार करें। उन्होंने पुलिस विभाग से कहा की सार्वजनिक स्थानो पर ज्यादा फोकस करें।
स्कूल, कॉलेज में बनाए क्लबो को एक्टिव करने की आवश्यकता
एडीसी ने कहा कि जिले के शैक्षणिक संस्थानों में नशे के दुष्प्रभावों को लेकर गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि स्कूलों व कॉलेज में बनाए गए क्लबों को एक्टिव किया जाए। उन्होंने कहा कि क्लब के मुखिया स्कूलों में कार्यशालाएं आयोजित करके विद्यार्थियों को नशे से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि क्लब मुखिया की जिम्मेदारी ऐसे शिक्षक को दी जाए जो इस विषय को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि क्लबों की कार्यशालाओं में अभिभावकों को भी आवश्यक शामिल किया जाना चाहिए। कहा कि अध्यापकों और अभिभावकों की नैतिक जिम्मेवारी है कि वे बच्चों की हर गतिविधि पर नजर रखें। उन्होंने कहा कि जिले के प्रत्येक स्कूलों में नशे की रोकथाम हेतू जागरूकता विभिन्न गतिविधियां भी आयोजित की जानी चाहिए। प्रातःकालीन सभाओं में विद्यार्थियों को नशे की बुराईयों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
युवा अपनी उर्जा रचनात्मक गतिविधियों में लगाएं
एडीसी ने कहा कि नशे की रोकथाम के लिए युवाओं को पहल करके पंचायत स्तर से मुहिम शुरू करनी होगी। आयोजित शिविरों में लोगों को नशे से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक कर अपनी सकारात्मक ऊर्जा को रचनात्मक गतिविधियों में लगाने की ओर प्रेरित करना होगा।
हर पंचायत में लगाए जाएं कंप्लेंट बॉक्स
कहा कि युवा वर्ग को नशे की लत से बाहर निकालने व जिले में नशे के कारोबार को नियंत्रित करने के लिए आमजन की सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिले की हर पंचायत में कंप्लेंट बॉक्स रखा जाना चाहिए। लोग इस कंप्लेंट बॉक्स में अपनी शिकायत बिना किसी झिझक के डाल सकते हैं। पंचायत इस कंप्लेंट बॉक्स को सप्ताह में एक बार खोले और उस शिकायत पत्र पर आवश्यक कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता का नाम व सूचना गोपनीय रखी जाएगी। उन्होंने आमजन से जिला को नशा मुक्त बनाने के लिए अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया।इस अवसर पर जिले में नशे की रोकथाम के लिए कार्य कर रही विभिन्न गैर संस्थाओं के बुद्धिजीवी व्यक्तियों ने भी अपने अपने बहूमुल्य सुझाव रखे।
मदन धीमान, कार्यकारी जिला कल्याण अधिकारी कमल कान्त, जिला कार्यक्रम अधिकारी हरीश मिश्रा विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे।