सोलन जिला प्रशासन ने अपने 53 वर्षों की विकास यात्रा में समाज के हर वर्ग तक कल्याणकारी योजनाएं पहुंचाकर उन्हें सशक्त बनाने का कार्य किया है । औद्योगिकीकरण, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में हुए प्रयासों ने जिले को प्रदेश के अग्रणी जिलों में शामिल कर दिया है ।
सोलन
औद्योगिकीकरण में अग्रणी
सोलन जिला के बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) क्षेत्र ने प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक हब बनकर रोजगार और निवेश के नए अवसर पैदा किए हैं। वर्तमान में जिले में 4,125 से अधिक औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं, जिनमें 86,000 से अधिक हिमाचली और 26,000 गैर-हिमाचली काम कर रहे हैं। एशिया का फार्मा हब अब एक समग्र औद्योगिक हब में बदल रहा है।
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सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाएं
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 193 करोड़ रुपये खर्च कर 51,409 पात्र लोगों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिला है। सुखाश्रय योजना के तहत बेसहारा बच्चों को शिक्षा, विवाह अनुदान और आवास निर्माण के लिए 1.24 करोड़ रुपये प्रदान किए गए।
ग्रामीण विकास और आजीविका
ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को फूड वैन उपलब्ध करवाई गई है, जिससे उनकी आय 3,500 रुपये प्रतिदिन तक पहुंची है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 37 सामुदायिक और 603 व्यक्तिगत शौचालय बनाए गए हैं। जिले के 1,989 गांव खुले में शौच मुक्त मॉडल घोषित किए गए हैं।
कृषि और बागवानी
सोलन जिला बेमौसमी सब्जी उत्पादन में प्रदेश में अग्रणी है। किसानों को बेहतर बाजार उपलब्ध करवाने के लिए मंडियों और उपमंडियों में 24 करोड़ रुपये की लागत से अधोसंरचना विकसित की जा रही है।
स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार
कथेड़ में 120 करोड़ रुपये की लागत से विश्वस्तरीय अस्पताल का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसे एक वर्ष के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। सोलन शिक्षा और फार्मा का हब होने के साथ-साथ मशरूम सिटी के नाम से भी विख्यात है।
आर्थिक सशक्तिकरण की मिसाल
सोलन जिला की मेहनती जनता की कर्मठता हिमाचल की प्रति व्यक्ति आय में झलकती है, जो प्रदेश में सर्वोच्च तीन जिलों में शामिल है।
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