HNN/ शिमला
2 अप्रैल से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्रों के लिए हिमाचल के शक्तिपीठ देशी-विदेशी फूलों, फल-पत्तियों और रंग-बिरंगी रोशनियों से सजने लग गए हैं। विदेशी सहित देशी फूलों से सजे शक्तिपीठ मनमोहक लग रहे है। फूलों की अलग वैरायटी के साथ मंदिरों की सजावट में फलों का इस्तेमाल भी किया गया है। माँ ज्वालामुखी, मां चामुंडा, मां बज्रेश्वरी, मां चिंतपूर्णी और मां नयनादेवी में चैत्र नवरात्रों की धूम है। नवरात्र के दौरान बाहरी राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु शक्तिपीठों सहित अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में मां के दर्शन के लिए आते हैं।
प्रदेश सहित भारी राज्यों में संक्रमण के मामले बेहद कम है जिसके चलते पहले से ही पाबंदियां हटा दी गई हैं। संक्रमण के मामले कम होने के दो साल बाद मंदिरों में भंडारे भी लगेंगे। दो साल से कोरोना बंदिशों के चलते मंदिरों में भंडारों पर रोक लगाई गई थी। इन चैत्र नवरात्रों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा जिसके लिए तैयारियां मुकम्मल कर ली गई है। नवरात्र को लेकर पुलिस व होमगार्ड के जवान पांचों शक्तिपीठों में मोर्चा संभालेंगे।
इस दौरान शक्तिपीठों में सीसीटीवी कैमरो की सहायता से निगरानी की जाएगी। उधर, नवरात्रों को लेकर प्रशासन द्वारा भी पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं। वहीँ, प्रदेश के अन्य जिलों में भी मंदिरों को विशेष तौर पर सजाया जा रहा है। शिमला के कालीबाड़ी व तारादेवी मंदिर सहित ऊपरी शिमला के हाटकोटी और रामपुर के भीमाकाली मंदिर को रंग-बिरंगी झालर से सजाया जा रहा है।
वहीँ, कोरोना काल के कारण दो साल से मंदिरों में नवरात्र के दौरान बाहर दुकान सजाने की मनाही थी। ऐसे में छोटे दुकानदारों को काफी नुक्सान झेलना पड़ रहा था। इस बार कोरोना के मामले कम होने के कारण मंदिर के बाहर बैठने की अनुमति मिलने से दुकानदारों के चेहरों पर रौनक लौट आई है।