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चंबा के लिए कटा था 700 का परमिट,180 पेटी शिमला से भी बरामद

Shailesh Saini | 8 जून 2023 at 2:07 am

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ना गिरता ट्रक तो नहीं खुलता राज आखिर प्रदेश में चल क्या रहा है क्या बचाया जा रहा है फैक्ट्री मालिक को

HNN News नाहन
हिमाचल प्रदेश के जिला मुख्यालय नाहन के समीप ट्रक दुर्घटना के बाद से

शराब की खेप बरामदगी मामले में राज्यकर एवं आबकारी विभाग को अहम सुराग हाथ लगे हैं। राज्यकर एवं आबकारी विभाग ने फैक्टरी में लंबी पड़ताल के बाद पाया कि एक ट्रक में 700 पेटियां शराब जिला चंबा के लिए भेजी थीं।

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विभाग के उप आयुक्त हिमांशु पंवार की अगुवाई में टीम ने बीते मंगलवार देर रात तक दबिश देकर शराब फैक्टरी का रिकॉर्ड खंगाला। इस दौरान टीम ने सीसीटीवी फुटेज, शराब के स्टॉक और अन्य दस्तावेजों की जांच की। पाया कि सोमवार रात को शराब लोड होने के बाद ट्रक फैक्टरी से बाहर निकला। यही देसी शराब अन्य ट्रकों से भी बरामद की गई। इस मामले में जांच की जा रही है कि फैक्टरी से शराब का ट्रक निकलने के बाद किसके इशारे पर इसे दूसरे ट्रक में लोड किया गया। कहां इस शराब को ले जाना था। जबकि, परमिट चंबा के डल इंटरप्राइजेज का कटा था। बुधवार शाम तक इस परमिट की समयावधि खत्म हो गई लेकिन शराब नहीं पहुंची।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सिरमौर के राज्यकर विभाग व पुलिस ने दूसरे जिलों में भी अपने-अपने विभागों के अधिकारियों को जानकारी दी।

इसके बाद मंगलवार शाम एक अलग नंबर के ट्रक से इसी फैक्टरी की शराब जिला शिमला के कोटखाई में मिली, जिसमें 180 पेटियां शराब लदी पाई गईं। जबकि, जिस ट्रक नंबर में शराब लोड हुई थी वह ट्रक कोटखाई के समीप खाली मिला।

बता दें कि नाहन के समीप हादसे का शिकार हुए ट्रक में 170 से ज्यादा पेटियां बरामद की गईं थीं। इसके बावजूद भी 700 पेटियां पूरी नहीं हो रही है। इसको लेकर फैक्ट्री की भूमिका भी संदेह के दायरे में नजर आती है।

वही आशंका है कि अन्य ट्रकों में भी इसे लोड किया गया है। इसमें किसकी मिलीभगत है, जांच के बाद ही मामले का पटाक्षेप होगा। राज्यकर एवं आबकारी विभाग सिरमौर के उप आयुक्त हिमांशु पंवार ने बताया कि फैक्टरी से शराब परमिट और टैक्स सहित पूरे दस्तावेज के साथ ट्रक में 700 पेटियां चंबा के लिए भेजी गईं थीं। यानी विभाग की भूमिका इसमें कहीं भी संदेह के दायरे में नहीं है।

शराब को दूसरे ट्रकों में पलटी किए जाने की जांच की जा रही है। सवाल यह भी उठता है कि जब जीपीएस हटा दिया क्या तो फैक्ट्री प्रबंधन ने इस पर संज्ञान क्यों नहीं लिया । सवाल तो यह भी खड़ा होता है कि कहीं सरकार से मिले लाइसेंस के बाद शराब निर्माण की आड़ में कोई बड़ा खेल तो नहीं खेला जा रहा है। बताया जा रहा है ट्रक मालिक को को गिरफ्तार कर लिया गया है मगर फैक्ट्री मालिक की गिरफ्तारी या फैक्ट्री को जांच पूरी होने तक सील क्यों नहीं किया गया है।

डीएसपी मुख्यालय मीनाक्षी शाह ने बताया कि पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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