HNN/सोलन
केंद्रीय अंतर मंत्रालय दल ने आज सोलन जिला की दून और नालागढ़ विधानसभा में भारी वर्षा के कारण प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर नुकसान का आकलन किया। केंद्रीय अंतर मंत्रालय दल ने दून विधानसभा क्षेत्र के बद्दी शहर के लक्कड़ डिपू पुल, ग्राम पंचायत बवासनी के गांव शील और सुनानी तथा नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र के रामशहर, दभोटा पुल, नालागढ़-रामशहर मार्ग (कुमारहट्टी गांव के पास) तथा घनेरी गांव में भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान का निरीक्षण किया।
केंद्र जल आयोग के निदेशक पीयूष रंजन ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए दो टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि एक दल कांगड़ा, मंडी, बिलासपुर का दौरा कर रहा है और दूसरा दल सिरमौर और सोलन जिले का दौरा कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह टीम सोलन जिला में गत दिनों भारी वर्षा से प्रभावित क्षेत्र, पुलों और मार्गों का दौरा कर नुकसान का जायज़ा ले रही है।
उन्होंने कहा कि वर्षा से हुए नुकसान का आकलन करने के बाद टीम अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को आगामी कार्यवाही के लिए प्रस्तुत करेगी। रिपोर्ट के मूल्यांकन के उपरांत केंद्र सरकार प्रदेश को सहायता राशि प्रदान करेगी। इस अवसर पर केंद्रीय अंतर मंत्रालय दल की टीम ने ग्राम पंचायत बवासनी के गांव शील, सुनानी और घनेरी गांव के वर्षा से प्रभावित लोगों से बातचीत भी की और संबंधित विभागों के अधिकारियो को शीघ्र उनकी समस्याओं का समाधान करने के उचित दिशा निर्देश भी दिए।
अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय यादव ने टीम को अवगत करवाया कि भारी वर्षा से अब तक सोलन जिला में लगभग 652 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने दल को जिला प्रशासन द्वारा प्रभावितों की सहायता के लिए किए गए उपायों की विस्तृत जानकारी दी। केंद्रीय अंतर मंत्रालय दल में केंद्रीय जल आयोग के निदेशक पियूष रंजन, सी.ई.ए. के निदेशक आर.के. मीणा, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधीक्षक अभियंता वरूण अग्रवाल शामिल हैं।