HNN / चंबा
कृषि विभाग चम्बा द्वारा विकास खंड चम्बा की सुंगल पंचायत में किसान जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य जल शक्ति विभाग द्वारा लगभग 1.52 करोड़ रुपए से निर्मित उठाऊ जल सिंचाई योजना के पानी के उपयोग के सम्बन्ध में किसानों को जागरूक करना था । इस उठाऊ जल सिंचाई योजना से वर्ष 2018 में 36 हेक्टर कृषि योग्य भूमि को सिंचाई सुविधा का प्रावधान किया गया था लेकिन इस योजना से किसानों की सिंचाई के लिए पानी की मांग नहीं होने से यह कृषि विभाग के लिए चिंता का कारण बन गया है।
आयोजित किसान जागरूकता शिविर में उप निदेशक कृषि चम्बा डॉ कुलदीप सिंह धीमान ने किसानों को जानकारी दी कि सही समय पर और सही मात्रा में फसलों की सिंचाई करने से पैदावार में बहुत अंतर आता है। सिंचाई सुविधा होने पर फसल विविधीकरण से किसान अपनी आय को बढ़ा सकते है। किसानों से बातचीत करने के उपरांत उन्होंने पाया कि किसान केवल मक्की व गेहूं की फसल ही उगाते हैं। यहाँ के किसानों का कहना है कि वर्ष 2018 से पहले जब सिंचाई सुविधा उपलब्ध नहीं थी। तो मौसमी या बे-मौसमी सब्जियों को उगाने का प्रयास नहीं किया गया और युवा नौकरी की तलाश में या तो जिला से बाहर चले गए या तो चम्बा शहर में जाकर व्यापारियों के पास नौकरी करने लगे।
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इसलिए इस गांव के युवाओं का शहर में जाकर किसी और कार्य में लग जाने। दूसरा इस क्षेत्र में बंदरों की बहुत समस्या व तीसरा जमीन का छोटे छोटे टुकड़ों में बटे होने के कारण सब्जियों की खेती करने में समस्या आ रही है। स्थानीय किसानों ने बताया कि बंदरों की समस्या को ध्यान में रखते हुए सभी किसानों को फसलों की बिजाई एक ही समय पर करनी पड़ती है इसलिए सभी किसान वारिश होने के उपरांत एक ही समय में केवल अनाज की फसलों की विजाई करते हैं और उठाऊ जल सिंचाई योजना से पानी की आवश्यकता नही पड़ती है ।
किसानों की इन बातों को ध्यान में रखते हुए उप-निदेशक कृषि ने उपस्थित किसानों को जानकारी दी कि फसलों को सही समय पर और सही मात्रा में पानी उपलब्ध करवाने से पैदावार बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाती है। यदि किसान गेहूं की फसल लगाने से पहले खेतों की सिंचाई करते और 15 से 30 अक्टूबर के बीच में बिजाई कर देते तो भी जल शक्ति विभाग द्वारा निर्मित इस योजना का लाभ उठा सकते थे।
उन्होंने किसानों को मुख्यमंत्री खेतिहर मजदूर योजना की जानकारी दी और कहा कि यदि खेती करते समय किसी किसान की दुर्घटना से मृत्यु हो जाये तो 3 लाख रुपये तक मुआवजा मिलता है। और किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया ।
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