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कड़छम-वांगतू / सुप्रीम कोर्ट में सुक्खू सरकार की ऐतिहासिक जीत, कड़छम-वांगतू से अब 18 फीसदी रॉयल्टी

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कड़छम-वांगतू : राज्य को मिलेगा 250 करोड़ का अतिरिक्त वार्षिक लाभ, हाईकोर्ट के फैसले को पलटा सुप्रीम कोर्ट ने । कड़छम-वांगतू जलविद्युत परियोजना से जुड़ी रॉयल्टी की कानूनी लड़ाई में सुक्खू सरकार को बड़ी सफलता मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए जेएसडब्ल्यू एनर्जी कंपनी को 12 के बजाय 18 प्रतिशत रॉयल्टी देने का आदेश दिया है, जिससे राज्य को हर साल करीब 250 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होगी।

हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिया राज्य को हक

यह मामला पहले हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में गया था, जहां वर्ष 2024 में कोर्ट ने कंपनी के पक्ष में निर्णय दिया और उसे सिर्फ 12 प्रतिशत रॉयल्टी देने की अनुमति दी। लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देश पर राज्य सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और देश के प्रमुख वकीलों की मदद से मजबूती से अपना पक्ष रखा।

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मुख्यमंत्री ने लिया व्यक्तिगत संज्ञान, कानूनी टीम ने पेश की ठोस दलीलें

सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, प्राग त्रिपाठी, महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन और अतिरिक्त महाधिवक्ता वैभव श्रीवास्तव पेश हुए। सरकार ने यह तर्क दिया कि 1999 के समझौते के अनुसार, 12 वर्षों तक 12 प्रतिशत और उसके बाद 18 प्रतिशत रॉयल्टी देनी थी, जिसे कंपनी मानने से इनकार कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्पष्ट निर्णय देते हुए राज्य के पक्ष में फैसला सुनाया।

अब अन्य जलविद्युत परियोजनाओं के लिए बनेगा मिसाल

प्रवक्ता ने बताया कि इस फैसले से न केवल कड़छम-वांगतू से 150 करोड़ की वार्षिक आय बढ़ेगी, बल्कि 12 साल की अवधि पूरी कर चुकी अन्य परियोजनाओं से भी राज्य को लाभ मिलेगा और कुल आय 250 करोड़ से अधिक हो सकती है। यह निर्णय राज्य के प्राकृतिक संसाधनों पर उसके हक को मजबूती देता है।

पहले भी जीत चुका है वाइल्ड फ्लावर हॉल केस

मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में यह दूसरी बड़ी कानूनी सफलता है। इससे पहले राज्य सरकार ने वाइल्ड फ्लावर हॉल केस में भी निजी होटल समूह के खिलाफ कोर्ट में जीत दर्ज की थी। वहां भी वर्षों से स्वामित्व और प्रबंधन को लेकर विवाद था, जिसे सरकार ने सफलतापूर्वक सुलझाया।

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