ऊना/वीरेंद्र बन्याल
ऊना जिले में शुरू की गई मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा हजारों पशुपालकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। मार्च 2024 से अब तक इस सेवा के माध्यम से 2,076 मवेशियों का निःशुल्क इलाज सीधे घर-द्वार पर किया गया है।
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गांव तक पहुंच रही चिकित्सा सुविधा
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में ग्रामीण जीवन की समस्याओं को सीधे गांव स्तर पर हल करने की सोच के तहत यह सेवा शुरू की गई। पशुपालकों को अब अपने बीमार मवेशियों को अस्पताल तक लाने की मशक्कत नहीं करनी पड़ती।
तीन मोबाइल वैन यूनिटें कर रही काम
पशुपालन विभाग ऊना के उपनिदेशक डॉ. दिनेश परमार ने बताया कि जिले में तीन मोबाइल वैन यूनिटें संचालित हो रही हैं। हरोली की यूनिट ने 611, बंगाणा की 757 और ऊना की यूनिट ने 708 मवेशियों का सफल उपचार किया है।
टोल फ्री नंबर पर तुरंत सहायता
आपात स्थिति में पशुपालक टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल कर इस सेवा का लाभ ले सकते हैं। सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक उपलब्ध तीन सदस्यीय टीम (पशु चिकित्सक, सहायक और फार्मासिस्ट) घर-द्वार पर निःशुल्क इलाज करती है। यह सेवा बेसहारा मवेशियों के लिए भी कारगर साबित हो रही है।
लाभार्थियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया
लखविन्द्र सिंह, सुरजीत सिंह, बिट्टू, विनोद शर्मा सहित दर्जनों पशुपालकों ने इस सेवा की सराहना की। मोबाइल यूनिट ने भैंस के टूटे सींग, एनोरेक्सिया, स्तन संक्रमण, ज्वर, त्वचा रोग और अन्य गंभीर बीमारियों का समय पर इलाज कर राहत पहुंचाई।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती
उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने कहा कि इस सेवा से पशुपालकों को भारी राहत मिली है। समय पर इलाज से पशुओं की मृत्यु दर घटी है, जिससे दूध उत्पादन और पशुपालन का व्यवसाय अधिक सुरक्षित व टिकाऊ बना है।
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