ऊना जिले में खाद्य सुरक्षा नियमों के कठोर पालन को सुनिश्चित करने के लिए डीसी जतिन लाल ने अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए। खाद्य सैंपलिंग, लाइसेंसिंग और अवैध कारोबार पर निगरानी को और प्रभावी बनाने का आदेश दिया गया।
ऊना/वीरेंद्र बन्याल
खाद्य सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने के निर्देश
डीसी जतिन लाल ने जिला स्तर पर आयोजित खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम समिति की बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खाद्य सैंपलों की संख्या बढ़ाई जाए और नियमों का उल्लंघन करने वाले खाद्य व्यवसाय संचालकों पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाए।
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शराब विक्रेताओं के लिए खाद्य लाइसेंस अनिवार्य, उल्लंघन पर जुर्माना
डीसी ने सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा को आबकारी विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि जिले के सभी शराब विक्रेता अनिवार्य रूप से खाद्य लाइसेंस प्राप्त करें। बिना लाइसेंस संचालन करने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा और आवश्यकतानुसार कानूनी कार्रवाई भी होगी।
जिले में फूड लाइसेंस और पंजीकरण की ताज़ा स्थिति प्रस्तुत
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जिले में कुल 482 फूड लाइसेंस ऑपरेटर सक्रिय हैं जबकि 3,985 फूड बिजनेस ऑपरेटर पंजीकृत हैं। अप्रैल 2025 से 28 नवंबर 2025 तक 144 नए लाइसेंस जारी किए गए जिनसे 6.92 लाख रुपये शुल्क एकत्रित हुआ। इसी अवधि में 1,017 नए पंजीकरण से 6.03 लाख रुपये प्राप्त हुए। फूड लाइसेंस व पंजीकरण दोनों प्रक्रियाएँ अब ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं।
सैंपलिंग रिपोर्ट: 14 नमूने मानकों के अनुरूप नहीं
इस वर्ष खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने 88 नमूने लिए जिनमें से 62 की लैब जांच की गई। इनमें 14 नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे—2 असुरक्षित, 5 गलत ब्रांडिंग वाले और 7 अवमानक घोषित किए गए। विभिन्न उल्लंघनों पर कुल 12 लाख 59 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। दिवाली सीजन में अभियान के दौरान 1500 किलोग्राम पनीर भी जब्त किया गया।
मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब से मिलेगा त्वरित परीक्षण का लाभ
डीसी जतिन लाल ने बताया कि जिला ऊना को आधुनिक मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब उपलब्ध करवाई गई है। इस लैब से दूध, तेल, जूस आदि खाद्य उत्पादों का त्वरित व निःशुल्क परीक्षण किया जाएगा। जागरूकता अभियानों तथा निगरानी कार्यों में भी यह वैन उपयोग की जाएगी। संचालन के लिए पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाने का आश्वासन भी दिया गया।
फूड फोर्टिफिकेशन और पुराने तेल के सुरक्षित निपटान पर जोर
बैठक में बताया गया कि जिले में दूध, खाद्य तेल, आटा, चावल और नमक को विटामिन और खनिजों से समृद्ध करने की पहल लागू है। साथ ही 1,506 लीटर उपयोग में लाए जा चुके पुराने खाद्य तेल का संग्रहण कर उसे बायोडीज़ल उत्पादन के लिए भेजा गया। खाद्य व्यवसाय संचालकों के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण भी सुनिश्चित किया जा रहा है।
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