सोलन
सोलन में ई-ऑटो यात्रियों को दे रहे सस्ती, सुरक्षित व प्रदूषण मुक्त परिवहन सुविधा
हरित हिमाचल की ओर एक ठोस कदम
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाए जा रहे प्रयास अब साकार रूप लेने लगे हैं। विशेषकर परिवहन क्षेत्र में ई-वाहनों को बढ़ावा देना राज्य को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
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राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना से युवाओं को नया संबल
प्रदेश सरकार की राजीव गांधी स्वरोज़गार स्टार्ट-अप योजना जहां बेरोजगार युवाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण की नई राह खोल रही है, वहीं ई-वाहन भी पर्यावरण संरक्षण का प्रभावी माध्यम बन रहे हैं। योजना के तहत युवाओं को ई-बस, ई-टैक्सी और ई-ऑटो जैसी सेवाओं के लिए प्रोत्साहन और सब्सिडी दी जा रही है।
ई-टैक्सी के लिए 10 हजार परमिट का लक्ष्य
वर्ष 2024-25 में सरकार ने ई-टैक्सी के लिए 10,000 परमिट जारी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके साथ ही, राज्य में ई-वाहनों की चार्जिंग सुविधा को भी मजबूत किया जा रहा है।
सोलन में स्थापित हो रहे चार्जिंग स्टेशन
सोलन जिला, जो पर्यटन, बागवानी और कृषि के लिए प्रमुख केंद्र है, अब ई-मोबिलिटी हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां के राष्ट्रीय और राज्य मार्गों सहित सभी मुख्य स्थलों पर ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं ताकि यात्री निःशंक यात्रा का अनुभव कर सकें।
हर सरकारी परिसर में चार्जिंग सुविधा
प्रदेश सरकार ने सभी विश्राम गृहों, जल शक्ति और लोक निर्माण विभाग के कार्यालयों, एचपीएसईबीएल, उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक कार्यालयों तथा बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ प्राधिकरण में ई-चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना का निर्णय लिया है।
कण्डाघाट में ई-ऑटो बन रहे बदलाव का प्रतीक
सोलन जिला के कण्डाघाट उपमंडल में वर्तमान में 10 से अधिक ई-ऑटो सफलतापूर्वक संचालन में हैं, जो न केवल यात्रियों को सस्ती और स्वच्छ परिवहन सेवा प्रदान कर रहे हैं, बल्कि चालकों के लिए स्थायी आय का साधन भी बन रहे हैं।
चालकों ने जताया सरकार के प्रति आभार
ई-ऑटो चला रहे पुनीत शर्मा, आर्यन, वेद प्रकाश, नरेंद्र सिंह, महेन्द्र, मनोज, हरीश, नारायण सिंह, अनुज, अजय और युगल जैसे युवाओं ने बताया कि सरकार की यह योजना उनके लिए रोज़गार और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर लेकर आई है।
ई-ऑटो खरीद पर मिल रहा 50% उपदान
ई-ऑटो की खरीद के लिए जिला उद्योग केंद्र द्वारा 50% उपदान दिया जा रहा है, जिससे अधिक से अधिक युवा इस योजना से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
स्वच्छ और मनभावन हिमाचल की ओर बढ़ते कदम
ई-वाहनों के संचालन से न केवल प्रदूषण में कमी आ रही है, बल्कि यह पहल पर्यावरणीय जागरूकता और भविष्य के टिकाऊ परिवहन मॉडल की ओर बढ़ता सार्थक कदम भी है। सोलन जिला इस दिशा में प्रदेश को नई राह दिखाने वाला अग्रणी केंद्र बनकर उभर रहा है।
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