हिमाचल में गेहूं बेचने को 547 किसानों ने कराया पंजीकरण, 256 को टोकन जारी
HNN/नाहन
हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से गेहूं की खरीद के लिए 4 अप्रैल से आदेश जारी कर दिए गए थे। मगर प्रदेश के किसानों ने चैत्र संक्रांति 13 अप्रैल के बाद ही एपीएमसी को गेहूं बेचना शुरू की। संक्रांति से लेकर रविवार शाम 5:00 बजे तक हिमाचल के 35 किसानों ने 176 मिट्रिक टन गेहूं बेची है।
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वहीं हिमाचल प्रदेश में रविवार शाम 5:00 बजे तक 547 किसानों ने गेहूं बेचने के लिए अपना पंजीकरण करवाया है। जिसमें 256 किसानों को टोकन जारी कर दिया गया है। वह अपने टोकन के अनुसार हिमाचल की 10 मंडियों में गेहूं बेचने पहुंचेंगे। रविवार शाम तक पांवटा साहिब गेहूं खरीद मंडी में 21 किसानों ने 100.90 मिट्रिक टन गेहूं बची।
बद्दी के मालपुर में एक किसान ने 3.40 मिट्रिक टन गेहूं बेची। नालागढ़ में 27.20 मिट्रिक टन गेहूं 6 किसानों ने बेची। कांगड़ा जिला में 7 किसानों ने 44.50 मिट्रिक टन गेहूं अभी तक बेची है। हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से 10 मंडियों में गेहूं की खरीद की जा रही है।
जिसमें जिला सिरमौर के पांवटा साहिब और धौलाकुआं, ऊना की रामपुर और टकारला, सोलन जिला की बद्दी मालपुर और नालागढ़, कांगड़ा जिला के फतेहपुर, मिलवा इंदौर, नगरोटा बगवां और रियाली 10 खरीद केंद्र बनाए गए हैं। वहीं एपीएमसी द्वारा 48 घंटे के अंदर किसानों को उनकी गेहूं का मूल्य उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जा रहा है।
इस वर्ष गेहूं खरीद का समर्थन मूल्य 2275 प्रति क्विंटल है, गत वर्ष मूल्य 2175 पर प्रति क्विंटल था। वर्ष 2023 में 689 किसानों ने 2,868 मीट्रिक टन गेहूं सरकार को बेची थी। इसकी एवज में 6.09 करोड़ रुपए किसानों के खातों में जमा हुए। वहीं 2022 में प्रदेश में एफसीआई ने गेहूं की 2931.35 मीट्रिक टन खरीद की थी।
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