HNN/शिमला
राजधानी शिमला के कोटखाई और मड़ावग में गाला और स्पर किस्मों के सेब को खरीदने वाली कुछ कंपनियों द्वारा बगीचों से ही इस सेब को खरीदा जा रहा है। कंपनियों के प्रतिनिधि बागवानों से बगीचों में खड़ी फसल का सौदा कर रहे हैं और बढि़या किस्म के सेब का विदेशों में भी निर्यात किया जा रहा है।
जिससे कि बागवानों को काफी लाभ हो रहा है साथ ही उनका पैकिंग और टांस्पोर्टेशन का खर्चा भी बच रहा है। बताया जा रहा है कि मंडियों में आढ़ती बागवानों से 5 फीसदी कमीशन काटते हैं। जिसमें से एक फीसदी मार्केट फीस वसूली जाती है।
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बता दें कि विनीत वर्मा निवासी संधू (बिशड़ी) ठियोग के युवा बागवान है जिसने ऑर्गेनिक सेब को ऑनलाइन बिजनेस वेबसाइट के जरिये बेचा है। विनीत ने बताया कि सेब तैयार होने से पहले ही इनके पास डिमांड आ जाती है। उन्होंने बताया कि बीते साल इनके बगीचे का ऑर्गेनिक सेब का निर्यात दुबई तक हुआ था।
हरीश चौहान संयोजक संयुक्त किसान मंच ने बताया कि सीजन के दौरान बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों से कंपनियों के प्रतिनिधि सीधे बगीचों से सेब की खरीद कर रहे हैं। कुछ स्थानों पर तो बागवानों को बढि़या गुणवत्ता के सेब की मंडियों से अच्छी कीमत घर बैठे मिल रही है।
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