Himachalnow/ऊना/वीरेंद्र बन्याल
वैज्ञानिक लेखन, प्रकाशन और शिक्षण पद्धतियों को बेहतर बनाने के लिए एआई का नैतिक रूप से उपयोग करने पर ट्रिपल आईटी में एक दिवसीय अनुसंधान कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में फैकल्टी सदस्य, शोध छात्र और विद्यार्थी शामिल हुए तथा शैक्षिक और अकादमिक प्रथाओं में एआई के जिम्मेदार उपयोग के बारे में जाना।कार्यशाला में सोमिस एडब्ल्यूडब्ल्यू नामक महिला स्टार्टअप कार्यक्रम की फाउंडर एंव एडिटर और एआई के नैतिक उपयोग में विशेषज्ञ डॉ. केएस सौमिया रानी ने वैज्ञानिक लेखन और प्रकाशन में एआई उपकरणों की भूमिका पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
इस दौरान उन्होंने प्रतिभागियों को एआई का उपयोग नैतिक मानकों के अनुसार करने और अकादमिक कार्य की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए व्यावहारिक दिशा-निर्देश प्रदान किए।डॉ. रानी ने अपने संबोधन में शिक्षण और शोध में एआई के नैतिक प्रभावो को समझने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने ऐसे रणनीतियाँ साझा की जिनसे एआई का उपयोग लेखन और शिक्षण पद्धतियों को समर्थन देने में किया जा सके। कार्यशाला में प्रतिभागियों ने इंटरएक्टिव सत्रों के जरिए एआई उपकरणों का जिम्मेदार तरीके से उपयोग करने के लिए उपयोगी ज्ञान और अनुभव प्राप्त किया।
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इस दौरान ट्रिपल आईटी ऊना के निदेशक प्रो. मनीष गौर ने कहा यह कार्यक्रम अकादमी में एआई के जिम्मेदार उपयोग के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को उजागर करता है। उन्होंने एआई का उपयोग नैतिक मानकों के अनुसार करने को लेकर बहुमूल्य जानकारी साझा करने के लिए डॉ. केएस सौमिया रानी का आभार व्यक्त किया।
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