HNN / पांवटा साहिब
हिमाचल प्रदेश राज्य और उत्तराखंड राज्य को जोड़ने वाले यमुना ब्रिज को बचाने के लिए आधा दर्जन समाजिक संगठन आ गया है। बता दे कि यमुना ब्रिज की खस्ताहालत के बावजूद पुल के ऊपर से सैकड़ों क्रेशर भरे भारी वाहन गुजरते हैं, जिससे यमुना पुल के क्षतिग्रस्त होने का खतरा बढ़ गया है। वही , शुक्रवार को समाजसेवी व व्यापर मण्डल पांवटा अध्यक्ष अनिंद्र सिंह नॉटी ने पुल के छोर पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड राज्य को जोड़ने के लिए 1970 में यमुना नदी पर 550 मीटर लम्बा पुल बनाया गया।
इस पुल से प्रतिदिन सैकड़ों भारी भरकम वाहन गुजरते है लेकिन एनएच विभाग व प्रशासन की अनदेखी के कारण पुल खस्ताहाल होने के बावजूद भी दुरुस्त नहीं किया जा रहा हैं। जिस कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने बताया कि पांवटा साहिब के क्रेशरों से सैकड़ों टिप्पर ओवर लोड़ भरकर उत्तराखंड की तरफ जाते है तथा पुल के उपर कई घंटों तक जाम लगा रहता हैं। उइतना ही नही पुल के बैरिंग खराब हो चुके है, जिससे पुल कभी भी गिर सकता है व इससे दोनों राज्यों का संपर्क टूट सकता है।
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समाजिक संगठनों ने चेतावनी दी हैं कि अगर यमुना पुल के रिपेयरिंग का काम एक महीने में शुरू नहीं किया तो सभी सामाजिक संगठन सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन करेंगे। जिसके लिए हिमाचल सरकार, एनएच विभाग व स्थानीय पांवटा प्रशासन जिम्मेदार होगा। इस दौरान एमएस केंथ (सिरमौर उपभोक्ता संगठन), एनडी सरीन (पेंशनर्स एसोसिएशन), टीसी गुप्ता (आरटीआई एक्टिविस्ट फोरम), रविंद्र खुराना (पार्षद), जगदीश चौधरी, एकांत गर्ग, मनिंदर मनी (क्लीन पांवटा ग्रीन पांवटा), रणजीत फौजी (पूर्व सैनिक), दिनेश शर्मा, श्यामलाल शर्मा (आजभोज), चरणजीत जैलदार आदि मौजूद रहे।
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