बिलासपुर
राज्य में पहली बार एम्स में न्यूक्लियर मेडिसिन की आधुनिक सेवाएं सक्रिय, मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा पीजीआई
हिमाचल प्रदेश के एम्स बिलासपुर में न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग की सभी प्रमुख सेवाएं अब पूरी तरह से शुरू हो गई हैं। इससे राज्य के मरीजों को कैंसर, न्यूरोलॉजिकल और हृदय संबंधी बीमारियों के लिए उन्नत जांच सुविधाएं यहीं उपलब्ध होंगी। अब मरीजों को पैट स्कैन या स्पैक्ट स्कैन के लिए पीजीआई चंडीगढ़ की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।
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पैट स्कैन से सक्रिय कैंसर कोशिकाओं की पहचान होगी आसान
पॉज़ीट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (पैट) स्कैन के जरिए शरीर की जीवित कोशिकाओं की गतिविधि को बेहद सूक्ष्मता से देखा जा सकता है। इसमें मरीज को एफडीजी नामक रेडियोधर्मी ग्लूकोज दिया जाता है, जो अधिक सक्रिय यानी कैंसर कोशिकाओं में तेजी से जमा होता है, जिससे कैंसर की सटीक पहचान हो जाती है।
स्पैक्ट तकनीक से मस्तिष्क, हृदय और हड्डियों की स्थिति का 3D विश्लेषण
सिंगल फोटोन एमिशन कम्प्यूटेड टोमोग्राफी (स्पैक्ट) तकनीक में टीसी-99एम ट्रेसर का उपयोग होता है, जो गामा किरणें छोड़ता है। इससे अंगों की तीन-आयामी छवियां बनती हैं, जिनके आधार पर हृदय की ब्लड सप्लाई, मस्तिष्क में रक्त प्रवाह और हड्डियों में संक्रमण की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। यह पैट की तुलना में कम खर्चीली तकनीक है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने किया था शुभारंभ, अब हो रही हैं जांचें
एम्स बिलासपुर में इन दोनों यूनिट्स का विधिवत शुभारंभ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने 8 मार्च को किया था। हालांकि तकनीकी कारणों से पैट स्कैन सेवाएं पहले शुरू नहीं हो सकीं थीं, लेकिन अब इन्हें नियमित रूप से शेड्यूल किया जाने लगा है।
एम्स बना प्रदेश का पहला संस्थान, जो दे रहा हाई-एंड न्यूक्लियर स्कैनिंग सुविधा
विशेषज्ञों के अनुसार पैट और स्पैक्ट स्कैन शरीर के भीतर चल रही बायोलॉजिकल गतिविधियों की बारीकी से जानकारी देते हैं, जो परंपरागत सीटी स्कैन या एमआरआई से संभव नहीं। एम्स बिलासपुर प्रदेश का पहला संस्थान है जो इन सुविधाओं को सुचारू रूप से चला रहा है।
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