Himachalnow /ऊना/वीरेंद्र बन्याल
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत ऊना जिले के एक गांव को मॉडल सोलर गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। इस योजना के तहत गांव में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और बिजली की जरूरतों को स्वच्छ ऊर्जा से पूरा करने के लिए एक करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। जिला स्तर पर योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए गठित समन्वय समिति (डीएलसीसी) के अध्यक्ष और उपायुक्त जतिन लाल ने यह जानकारी दी। उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत चयनित गांव को सौर ऊर्जा पर आधारित एक आदर्श गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीणों को सस्ती और स्वच्छ बिजली प्रदान करना है।
साथ ही, गांव में उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजकर आर्थिक लाभ प्राप्त करने का अवसर भी मिलेगा।योजना के तहत जिले में 2 हजार की आबादी वाले गाँवों में से एक गाँव का चयन करने की शर्त है। 2011 की जनगणना के मुताबिक जिले में ऐसे 32 गांव हैं जिनकी जनसंख्या 2000 से अधिक है। ऐसे में योजना को व्यापक बनाने के लिए इसमें ग्राम पंचायतों को शामिल करने का उच्च स्तर पर आग्रह किया गया है।
उपायुक्त ने बताया कि मॉडल सौर गांव में सामुदायिक सौर संयंत्र, रूफटॉप सोलर प्लांट, सोलर पंपिंग सिस्टम, घरों में सोलर लाइट्स और गांव में स्ट्रीट लाइट्स लगाने जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। इसे लेकर सोमवार सांय हुई बैठक में योजना की प्रगति और जिले में इसके कार्यान्वयन की रणनीति पर चर्चा की गई।उपायुक्त ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को उनके छतों पर 3 किलोवाट तक की क्षमता वाले ग्रिड-कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट पर सब्सिडी मिलेगी।
2 किलोवाट तक की क्षमता पर प्रति किलोवाट 33,000 रुपये और अतिरिक्त 1 किलोवाट पर 19,800 रुपये की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत घर में उत्पादित सौर ऊर्जा का उपयोग घर की बिजली की जरूरतों को पूरा करने में किया जा सकेगा।सौर संयंत्र से उत्पादित अतिरिक्त बिजली को भी ग्रिड में भेजने का विकल्प उपलब्ध रहेगा, जिससे गांव के निवासियों को और अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा।बैठक में सहायक आयुक्त वरिंदर शर्मा, हिम ऊर्जा के परियोजना निदेशक और डीएलसीसी के सदस्य सचिव सोहन लाल सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।