Himachalnow / धर्मशाला
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सत्ता में आते ही जनता से की गई गारंटियों को पूरा करने का वचन लिया था। अपनी कार्यशैली और कड़े निर्णयों के साथ उन्होंने सिर्फ दो वर्षों में सात गारंटियों को पूरा कर अपने नेतृत्व का विश्वास स्थापित किया है। बुधवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दरिणी के वार्षिक उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने इस बात की पुष्टि की।
आगामी गारंटियों की साकार प्रक्रिया
केवल सिंह पठानिया ने कहा कि 11 दिसंबर को सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर शेष गारंटियों को भी चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जो सात गारंटियां पूरी की हैं, उनका उद्देश्य प्रदेशवासियों को बेहतर सेवाएं और जीवनशैली प्रदान करना है।
सुख शिक्षा योजना: बेसहारा बच्चों के लिए एक नई शुरुआत
सरकार का नया कदम
केवल सिंह पठानिया ने बताया कि मुख्यमंत्री की पहल पर ‘सुख शिक्षा योजना’ की शुरुआत की जा रही है, जो बेसहारा बच्चों के लिए वरदान साबित होगी। इस योजना के तहत विधवा, बेसहारा, और तलाकशुदा महिलाओं के 23 हजार बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी। इस योजना का लाभ उन्हें मिलेगा जिनके परिवार की वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम होगी।
योजना के लाभ और उद्देश्य
सुख शिक्षा योजना में सरकार निराश्रित बच्चों को प्रतिमाह तीन हजार रुपये तक की सहायता प्रदान करेगी। इस योजना का उद्देश्य इन बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना और उन्हें बेहतर शिक्षा की ओर मार्गदर्शन देना है।
शिक्षा क्षेत्र में नवाचार और जिम्मेदार नागरिक निर्माण
सरकारी कदम और कार्यक्रम
केवल सिंह पठानिया ने प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में किए गए सुधारों और नवाचारों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ‘अपना विद्यालय: द हिमाचल स्कूल अडोप्शन प्रोग्राम’ जैसी पहल के माध्यम से प्रदेशवासी राजकीय स्कूलों को गोद लेकर शिक्षा के सुधार में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं।
शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास
उन्होंने यह भी कहा कि विद्यार्थियों का शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास महत्वपूर्ण है, और इसे बढ़ावा देने के लिए कई सरकारी योजनाएं चल रही हैं।
युवाओं में समाजिक जिम्मेदारी और शिक्षक की भूमिका
सोशल मीडिया और नशे से दूर रखना
पठानिया ने यह भी बताया कि आजकल के युवा सोशल मीडिया और नशे की प्रवृत्तियों से प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में सरकार द्वारा विद्यालय स्तर पर अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि युवाओं को समाज के प्रति जिम्मेदारियों का अहसास हो सके।
शिक्षकों की रचनात्मक सहभागिता
उन्होंने शिक्षकों की भूमिका को भी महत्व दिया और कहा कि शिक्षा के सुधार में उनकी रचनात्मक भागीदारी अनिवार्य है। स्कूलों में छात्रों को करियर काउंसलिंग, नशे की बुराइयों, महिला सशक्तिकरण और कानूनी जानकारी देने पर जोर दिया जा रहा है।
विद्यालय की वार्षिक गतिविधियां और मेधावी छात्रों का सम्मान
विद्यालय का प्रदर्शन
इस अवसर पर प्राचार्य नरेंद्र शर्मा ने स्कूल की वार्षिक गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस समय स्कूल में 391 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, और गत वर्ष 11 बच्चे बोर्ड की मेरिट लिस्ट में रहे हैं।
कला और पुरस्कार वितरण
कार्यक्रम में बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए और मुख्य अतिथि ने मेधावी छात्रों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
समारोह में उपस्थित गणमान्य लोग
गणमान्य उपस्थित लोग
इस कार्यक्रम में एसएमसी प्रधान गगन सिंह, जिला परिषद ऋतिका शर्मा, उप प्रधान पप्पू राम और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।