Himachalnow / श्री रेणुका जी
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट नियुक्ति की प्रक्रिया तेज, जल्द शुरू होगा बांध निर्माण कार्य
श्री रेणुकाजी बांध परियोजना (Shri Renuka Ji Dam Project) की आपत्तियां क्लीयर
परियोजना की शुरुआत की उम्मीदें
केंद्र सरकार की राष्ट्रीय महत्व की बहुउद्देशीय श्री रेणुकाजी बांध परियोजना (Shri Renuka Ji Dam Projec) के निर्माण का कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीदें परवान चढ़नी शुरू हो गई हैं। मिनिस्ट्री आफ एनवायरमेंट की ओर से फोरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर जो आपत्तियां लगाई गई थीं, उन आपत्तियों को एचपीपीसीएल ने लगभग क्लीयर कर दिया है। यही नहीं, कार्पोरेशन द्वारा अपनी अंतिम रिपोर्ट बनाकर मिनिस्ट्री आफ एनवायरमेंट को भी भेज दी है।
निर्माण कार्य में कोई बाधा नहीं
सीडब्ल्यूसी द्वारा कंसलटेंसी नियुक्ति
विभागीय सूत्रों की मानें तो निर्माण कार्य में तमाम बाधाएं अब क्लीयर हो चुकी हैं। सीडब्ल्यूसी की ओर से अब डिजाइन कंसलटेंसी जो सेंट्रल वाटर कमीशन है, उनके द्वारा जल्द ही डैम निर्माण को लेकर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट को नियुक्ति दे दी जाएगी। कंसलटेंट के नियुक्त होते ही अंतिम डिजाइन पर मुहर लगने के बाद पहले फेज के निर्माण के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित होंगे। ये टेंडर आने वाले तीन से पांच माह के भीतर ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए प्रकाशित होंगे।
पहले चरण का निर्माण कार्य
डायवर्शन टनल का निर्माण
टेंडर प्रक्रिया के बाद पहले चरण का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पहले चरण के निर्माण कार्य में डायवर्शन टनल का निर्माण किया जाना है, जिसमें तीन सुरंगों का निर्माण किया जाएगा। ये सभी सुरंगे करीब 1,500-1,500 मीटर लंबी होंगी। इन सुरंगों के माध्यम से ही मुख्य गिरि नदी के जल प्रवाह को बदलकर बांध का निर्माण किया जाएगा।
बांध की विशेषताएँ और उद्देश्य
रॉकफिल बेस बांध का निर्माण
बता दें कि यह रॉकफिल बेस बांध है, जिसकी रिवर बेड से 148 मीटर ऊंचाई होगी। करीब 28 किलोमीटर लंबी झील का निर्माण डैम बनने के साथ होगा। असल में इस बांध (Shri Renuka Ji Dam Project) का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किए गए शिलान्यास के बाद हो जाना था, लेकिन केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री आफ एनवायरमेंट के द्वारा फोरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर कुछ आपत्तियों को लेकर जवाब मांगा गया था। लिहाजा, एचपीपीसीएल ने इन तमाम आपत्तियों को दूर कर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी है।
बांध के निर्माण से होने वाले लाभ
जल आपूर्ति और पावर प्रोजेक्ट
बहरहाल, अब वो दिन दूर नहीं कि प्रदेश को देश की सबसे बड़ी ऐसी सौगात मिलेगी, जिससे न केवल दिल्ली की प्यास बुझेगी, बल्कि कई राज्यों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी भी गिरि नदी का उपलब्ध होगा। इसके साथ-साथ डैम (Shri Renuka Ji Dam Project) के निर्माण कार्य के पूरा होते ही 40 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट भी मिलेगा, जो तमाम अधिकारों के साथ प्रदेश का होगा।
एचपीपीसीएल निदेशक की टिप्पणी
आखिरी रिपोर्ट और स्टेज टू क्लीयरेंस
उधर, निदेशक एचपीपीसीएल हरिकेष मीणा ने बताया कि मिनिस्ट्री आफ एनवायरमेंट की ओर से फोरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर लगाई गई आपत्तियों को दूर कर दिया है। इसकी रिपोर्ट मंत्रालय को भेज दी है। जल्द ही बांध निर्माण को लेकर स्टेज टू क्लीयरेंस मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट में डिजाइन कंसलटेंट सेंट्रल वाटर कमीशन है। जैसे ही कंसलटेंट ड्रॉइंग देगा, इसके तुरंत बाद डायवर्शन टनल के निर्माण के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे।