प्रदेश सरकार युवाओं को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार कर रही है
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार 12वीं कक्षा के बाद सीधे बीएड कोर्स शुरू करने पर विचार कर रही है। उन्होंने यह बात शिमला स्थित सेंट बीड्स कॉलेज के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में कही। उन्होंने विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया और बताया कि सरकार युवाओं को कौशलयुक्त बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा स्टोरेज जैसे नए पाठ्यक्रम शुरू कर रही है।
मेधावी छात्रों के लिए 5 लाख रुपये की घोषणा
मुख्यमंत्री ने कॉलेज के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित किया और उनके लिए 5 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है और हिमाचल प्रदेश 21 वर्ष को लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु बनाने वाला देश का पहला राज्य है।
नशे के खिलाफ सख्त अभियान जारी
उन्होंने प्रदेश में नशे के बढ़ते दुष्प्रभावों पर चिंता व्यक्त की और बताया कि सरकार ने नशे के खिलाफ एक व्यापक अभियान छेड़ा है। इसे जड़ से समाप्त करने के लिए कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार युवाओं को इस सामाजिक बुराई से बचाने के लिए खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित कर रही है।
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खिलाड़ियों के लिए डाइट मनी और यात्रा सुविधाओं में बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले अंडर-17 और अंडर-19 के खिलाड़ियों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में 150 रुपये और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 250 रुपये की डाइट मनी मिलती थी, जिसे बढ़ाकर अब 400 और 500 रुपये कर दिया गया है। इसी तरह, अंडर-14 खिलाड़ियों की डाइट मनी भी बढ़ाई गई है। सरकार ने खिलाड़ियों के यात्रा खर्च को कम करने के लिए 200 किलोमीटर तक की यात्रा के लिए थ्री-टियर एसी रेल किराया और 200 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए इकोनॉमी क्लास हवाई किराया देने का निर्णय लिया है।
शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव, विद्यार्थियों को मिलेगा वैश्विक exposure
मुख्यमंत्री ने बताया कि पहली बार सरकारी स्कूलों के बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण के लिए सिंगापुर और कंबोडिया भेजा गया, वहीं शिक्षकों को भी आधुनिक शिक्षण पद्धतियां सीखने के लिए विदेश भेजा गया। प्रदेश सरकार हर विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोल रही है, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ पौष्टिक आहार भी मिल सके।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्राथमिकता, पिछली सरकार की नीतियों पर सवाल
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की गलत नीतियों के कारण हिमाचल प्रदेश गुणात्मक शिक्षा में 21वें स्थान पर फिसल गया था, लेकिन वर्तमान सरकार इस स्थिति को सुधारने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। शिक्षा निदेशालय की कार्यप्रणाली में संरचनात्मक सुधार किए जा रहे हैं ताकि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर हो सके।
स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े सुधार, 1800 करोड़ रुपये की आवंटित राशि
स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में सरकार ने चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों में अत्याधुनिक उपकरणों के लिए 1800 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी मशीनरी और उपकरणों के कारण बीमारी की जांच और उपचार में देरी होती थी, लेकिन नई तकनीकों के साथ प्रदेश का स्वास्थ्य क्षेत्र उन्नत किया जा रहा है।
जलवायु परिवर्तन से निपटने और हरित ऊर्जा की दिशा में प्रयास
मुख्यमंत्री ने जलवायु परिवर्तन को इस युग की सबसे बड़ी चुनौती बताया और कहा कि हिमाचल प्रदेश ने 2023 में भीषण प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया, जिससे हजारों परिवार प्रभावित हुए। सरकार प्रदेश की प्राकृतिक धरोहर और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
इस अवसर पर कॉलेज के विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इससे पूर्व, कॉलेज की प्रधानाचार्य सिस्टर मौली इब्राहिम ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और कॉलेज की वार्षिक रिपोर्ट का ब्योरा दिया। समारोह में विधायक हरीश जनारथा और संजय अवस्थी भी उपस्थित थे।
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