शिमला: हिमाचल प्रदेश में युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने बड़ा कदम उठाया है। अब 9वीं से 12वीं कक्षा में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को नशा न करने का वचनपत्र देना अनिवार्य होगा।
नशा करने पर स्कूल से निष्कासन
निदेशालय के अनुसार, यदि कोई छात्र दाखिले के बाद नशे का सेवन करते हुए पाया जाता है, तो उसे स्कूल से निष्कासित कर दिया जाएगा।
- इस पहल के तहत स्कूलों को नशा निषेध क्षेत्र घोषित किया गया है।
- नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ अभियान भी चलाया जाएगा।
- जो छात्र पहले से नशे की आदत से ग्रसित हैं, उनके लिए काउंसलिंग की व्यवस्था की जाएगी।
वचनपत्र की प्रक्रिया
- प्रवेश के समय, छात्रों और अभिभावकों को एक वचनबद्धता पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा।
- इस पत्र में यह सपष्ट उल्लेख होगा कि वे नशीली पदार्थों के सेवन या उनके उपयोग से संबंधित किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे।
- यह वचनपत्र स्कूलों में शून्य सहिष्णुता का माहौल बनाए रखने का कार्य करेगा।
स्कूलों को निर्देश जारी
- बुधवार को निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा उपनिदेशकों को निर्देश जारी किए हैं।
- निर्देशों में कहा गया है कि स्कूल प्रशासन नशे से जुड़ी गतिविधियों पर सख्ती से निगरानी रखे।
- साथ ही, स्कूलों को नशा सेवन करने वाले विद्यार्थियों का ब्योरा जमा करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
इस पहल का उद्देश्य युवाओं को नशे के जाल में फंसने से रोकना और हिमाचल के शैक्षणिक संस्थानों को स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है।
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