Himachalnow/शिमला
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में वन भूमि पर किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए हैं। अदालत ने राजस्व विभाग और वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विवादित जमीन की नाप-नपाई 6 दिसंबर 2024 से पहले की जाए और अगर किसी भी तरह का अवैध अतिक्रमण पाया गया तो उसे हटाया जाए और वहां पर स्थायी बाउंड्री लगाई जाए।
अदालत ने यह भी कहा है कि वन भूमि का उपयोग गैर वन भूमि के लिए नहीं किया जा सकता है और केंद्र सरकार के प्रस्ताव के बिना कोई भी वन भूमि नियमित नहीं की जा सकती है। अदालत ने अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वन भूमि पर किसी भी तरह का अवैध ढांचे और अतिक्रमण अगर पाया जाता है तो उसे हटा दिया जाए।
यह फैसला उन लोगों के लिए एक बड़ा संदेश है जो वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर रहे हैं और उन्हें हटाने के लिए सरकार को भी एक सख्त संदेश दिया गया है।