HNN/ कुल्लू
बंगलूर का टमाटर हिमाचल के लाल सोने पर भारी पड़ रहा है। बंगलूरू के टमाटर ने जब से देश की विभिन्न मंडियों में दस्तक दी है तब से ही हिमाचली टमाटर औंधे मुँह गिरा हुआ है। इससे किसान भी खासे चिंतित है क्योंकि उन्हें अपनी फसल के उचित भाव नहीं मिल पा रहे हैं। मन माफिक दाम न मिलने के कारण टमाटर उत्पादकों के चेहरों पर चिंता की लकीरे देखने को मिल रही है।
बता दें कि बंगलूरू के टमाटर की गुणवत्ता और आकार हिमाचली टमाटर की अपेक्षा उम्दा है। इस कारण व्यापारी हिमाचली से ज़्यादा बंगलूरू के ही टमाटर को तवज्जो दे रहे हैं। बता दें कि जिला कुल्लू में 1500 हेक्टेयर भूमि पर टमाटर का उत्पादन हो रहा है। किसानों की आय का मुख्य साधन लाल सोना कहलाए जाने वाला टमाटर है परंतु इन दिनों मंडियों में किसानों को उनकी फसल के अच्छे भाव नहीं मिल रहे हैं। मंडियों में टमाटर 10 से 15 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है।