HNN/शिमला
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व्यक्तिगत रूप से पदोन्नति के लिए सिफारिशें नहीं कर सकते। यह काम सिर्फ हाईकोर्ट कॉलेजियम की ओर से ही किया जा सकता है। इस फैसले के साथ ही, कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट कॉलेजियम को दो वरिष्ठ जिला एवं सत्र न्यायाधीशों के नामों पर पुनर्विचार करने को कहा है।
इस फैसले में जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट कॉलेजियम के सदस्यों की ओर से कोई सामूहिक परामर्श और विचार-विमर्श नहीं किया गया। ऐसे में हाईकोर्ट कॉलेजियम को अब 4 जनवरी, 2024 के सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के फैसले का पालन करते हुए हाईकोर्ट के जज के तौर पर पदोन्नति के लिए चिराग भानु सिंह और अरविंद मल्होत्रा के नामों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
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इस फैसले के साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि व्यक्तिगत सिफारिशों को पदोन्नति के लिए मान्यता नहीं दी जाएगी। यह फैसला न्यायिक पदोन्नति की प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
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