नाहन
प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने शिक्षा को अब कमाई का जरिया बना दिया है। यह आरोप भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनय गुप्ता ने प्रेस बयान जारी करते हुए कांग्रेस सरकार पर लगाया है।
उन्होंने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों में परीक्षा केंद्रों की फीस को ₹3,000 से बढ़ाकर ₹12,000 करना यह दर्शाता है। गुप्ता ने कहा कि हिमाचल के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है जब किसी सरकार ने शिक्षा क्षेत्र को भी जनकल्याण की अपेक्षा कमाई का धंधा बना दिया है।
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गुप्ता ने कहा कि पहले परीक्षा केंद्र का नवीनीकरण निशुल्क हुआ करता था, परंतु अब इस सरकार ने उस पर भी ₹3,000 का शुल्क लगाकर शिक्षा नीति का सत्यानाश कर दिया है। उन्होंने आशंका जताई कि इतनी भारी-भरकम फीस जमा न कर पाने के कारण अनेक विद्यालयों के विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षाओं के लिए अन्य विद्यालयों में जाना पड़ेगा।
प्रवक्ता ने कहा कि इससे न केवल विद्यार्थियों पर परीक्षा के समय मानसिक दबाव बढ़ेगा, बल्कि उन्हें भारी कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड को भी राजस्व वसूली का साधन बना रही है।
गुप्ता ने कहा कि यह दुर्भाग्य ही है कि गत 3 वर्षों के दौरान लगभग एक लाख विद्यार्थी सरकारी स्कूलों से किनारा कर चुके हैं, और इस सरकार ने आर्थिक तंगी का बहाना बनाकर 1,500 से अधिक शिक्षण संस्थान बंद कर दिए हैं।
उन्होंने अंत में कहा कि सुक्खू सरकार राज्य के 447 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में परीक्षा केंद्र बंद करने जा रही है, जिससे इन छात्रों को वार्षिक परीक्षाओं के लिए दूर दराज के अन्य पाठशालाओं में जाना होगा। गुप्ता ने इसे ‘शिक्षा के अधिकार पर गहरा कुठाराघात’ और ‘नोनिहालों के भविष्य के साथ घिनौना खिलवाड़’ बताते हुए कहा कि प्रदेश की जनता इस निकम्मी सरकार को कभी माफ नहीं करेगी।
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