HNN/ शिलाई
सिरमौर के ऐतिहासिक गांव टिटियाना में शाठी एवं पाशी भाइयों का ऐतिहासिक मिलन होगा। बता दें लगभग 120 वर्ष बाद ऐसा ऐतिहासिक महापर्व कुल देवता महासू महाराज की छत्रछाया में चौतरा प्रांगण में 1 व 2 जुलाई 2023 को आयोजित करवाया जा रहा है।
टिटियाना गांव में चौतरे की स्थापना सिरमौर के राजा गिरिपार क्षेत्र में सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक तथा न्याय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए की गई थी। इस अवसर पर 400 गांव से लगभग 30 से 40,000 लोगों के एकत्रित होने की संभावना है। इस दिव्य एवं भव्य शांत महायज्ञ पर्व को विशाल रुप से मनाया जाएगा।
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इस महामिलन कार्यक्रम में गिरी नदी से लेकर टौंस तक समस्त गांव को आमंत्रित किया गया है। उत्तराखंड, कालसी, तयुनी, हनोल, चिलाड, डगली तथा शिमला जिला से नैरवा, चौपाल, जुब्बल, रोहड़ू, राजगढ़, नौहराधार, संगड़ाह, सैनधार, धारटीधार, नाहन, पावंटा, हरियाणा आदि जगह से भी लोगों को आमंत्रित किया गया है।
हिमालय के उत्तराखंड के क्षेत्र में शांत महायज्ञ पर्व का बहुत महत्व है। हिमालय के पहाड़ों को काली माता का निवास स्थान माना जाता है। काली का दूसरा स्वरूप ठारी माता है जिसको पूरे हिमालय क्षेत्र में पूजा जाता है। माता को खुश एवं शांत करने के लिए ही इस तरह के महापर्व का आयोजन किया जाता है।
टिटियाना में आयोजित होने वाली शांत का विशेष महत्व यह है कि यहां दोनों भाई शाठी और पाशी एक जगह एकत्रित होंगे। इसलिए इस महापर्व का ऐतिहासिक महत्व बढ़ जाता है। टिटियाना गांव के ब्राह्मणों ने इस महायज्ञ को पूर्ण करने की तैयारियां शुरू कर दी है। इस महापर्व में सरकार तथा प्रशासन एवं सभी लोगों से भी सहयोग मांगा गया है।
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