हिमाचल प्रदेश सरकार ने नशे की लत से प्रभावित युवाओं के पुनर्वास और समाज को नशे से मुक्त बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सिरमौर जिले के कोटला बड़ोग में 100 बिस्तरों वाला अत्याधुनिक नशा मुक्ति केंद्र बनाने के लिए 5.34 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
शिमला
पांच जिलों में नए केंद्र
सरकार ने मंडी, लाहौल-स्पीति, चंबा, सोलन और सिरमौर जिलों में पांच नए नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। वहीं राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों में 108 दिशा केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां चिकित्सक और परामर्शदाता विशेष प्रशिक्षण ले रहे हैं।
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मौजूदा केंद्र और महिलाओं के लिए सुविधा
वर्तमान में कुल्लू, ऊना, हमीरपुर और कांगड़ा में पुरुषों के लिए चार नशामुक्ति केंद्र संचालित हो रहे हैं, जबकि कुल्लू में रेड क्रॉस सोसाइटी महिलाओं के लिए एक अलग केंद्र चला रही है।
जागरूकता और कार्य योजना
राज्य सरकार नीति आयोग, पीजीआई और स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर व्यापक कार्य योजना बना रही है। राष्ट्रीय नशा निवारण अभियान के तहत अब तक 5.76 लाख लोगों को जागरूक किया गया है, जिसमें 5,660 गांव और 4,332 शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं।
कानूनी ढांचा और सख्त प्रावधान
सरकार ने संगठित अपराध रोकथाम विधेयक 2025 पारित किया है, जिसमें नशा तस्करों के लिए मृत्युदंड और आजीवन कारावास जैसे कठोर दंड का प्रावधान है। इसके अलावा मादक पदार्थ रोकथाम विधेयक 2025 के तहत नशामुक्ति और पुनर्वास कोष स्थापित किया गया है।
निगरानी और प्रवर्तन
सरकार ने उपमंडलाधिकारी की अध्यक्षता में विशेष निगरानी समिति गठित करने का निर्णय लिया है, जिसमें आबकारी, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति नशीले पदार्थों के लाइसेंस की निगरानी और विनियमन करेगी।
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