HNN / शिमला
वर्ष 2021 का साल कसुंपटी निर्वाचन क्षेत्र के लिए खट्टी मीठी यादें छोड़ कर अलविदा हो गया। वर्ष के दौरान जहां कोरोना की दूसरी लहर से लोगों का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया था, वही पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस तथा खाद्य वस्तुओं के दामों में एकाएक बढ़ोतरी होने से लोगों की कमर टूट गई। दूसरी ओर देश व प्रदेश की सब्जी मंडियों में टमाटर, शिमला मिर्च, फ्रांसबीन, लहसुन का रेट कम रहा। जिससे किसानों की आर्थिकी स्थिति काफी डांवाडोल रही। यहां तक की किसानों को लागत भी नहीं मिल पाई।
वर्ष के दौरान विकास के रूटीन कार्य यथावत चलते रहे। हालांकि सरकार द्वारा उप तहसील जुन्गा का दर्जा बढ़ाकर तहसील कर दिया गया, परंतु वर्ष के अंत तक तहसील क्रियाशील नहीं हो पाई। डिग्री काॅलेज कोटी बीते सात वर्षों से प्राइमरी स्कूल भवन में चल रहा है। काॅलेज के अपने भवन का कार्य ठेकेदार की लापरवाही के चलते बीते कई वर्षों से अधर में लटका पड़ा है। जुन्गा क्षेत्र की सड़कों की हालत काफी दयनीय है। छलंडा-पीरन सड़क के नारिगा पुल से जघेड़ तक के एक केवल एक किलोमीटर हिस्से को पक्का नहीं किया जा सका और न ही कैंची व ढांक में क्र्रैश बेरियर विभाग द्वारा लगाए जाने बारे कोई पग उठाए गए।
जबकि इस एक किलोमीटर के हिस्से के लिए बीते तीन वर्षों से सरकार ने धनराशि स्वीकृत की गई थी। इसी प्रकार पीरन पंचायत की गानिया उठाऊ सिंचाई योजना जेएसवी विभाग की उदासीनता के चलते बीते सात वर्षों से जीर्णशीर्ण अवस्था में पड़ी है। ट्रहाई गांव के लिए 40 लाख से निर्मित की जा रही भज्जीनाला सिंचाई योजना का कार्य एक वर्ष से अधर में लटका है। हालांकि करीब आठ महीने बाद कार्य शुरू कर दिया गया है। मशोबरा ब्लाॅक में स्वास्थ्य सेवाओं की सबसे दयनीय स्थिति है। पूरे ब्लाॅक में रोगियों को अस्पताल ले जाने के लिए कोई भी 108 नेशनल एंबुलेंस सेवा नहीं है।
लोग अपने मरीेजों को निजी गाड़ियों में शिमला अथवा सोलन ले जाने के लिए मजबूर है। जुन्गा क्षेत्र के किसी भी स्वास्थ्य संस्थान में कोई स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं है और न ही टेस्ट करने की कोई सुविधा है जिसके चलते लोगों को इलाज करवाने हेतू शिमला जाना पड़ता है। इसी प्रकार सोलन-पीरन-ठूंड बस सेवा बीते छः माह से बंद पड़ी है, जिससे दो पंचायतों के सैंकड़ों लोग प्रभावित हो रहे हैं। इस बारे न ही चुने हुए जनप्रतिनिधि और न ही सरकार कोई सुध ले रही है। लोगों ने आगामी चुनाव में इसका जवाब देने का निर्णय लिया है। कुछ दिनों पहले कांग्रेस विधायक द्वारा साढ़े तीन साल के बाद जन संपर्क अभियान चलाया और विधायक निधि से छुटपुट पैसे स्वीकृत किए गए जबकि भाजपा कसुंपटी विधानसभा में बिल्कुल भी सक्रिय नहीं है।
किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. कुलदीप तंवर का कहना है कि कसुंपटी विधानसभा क्षेत्र विकास के क्षेत्र में बहुत पिछड़ चुका है जिस बारे चुने हुए प्रतिनिधि गंभीर नहीं है। सबसे अहम बात यह है कि जुन्गा क्षेत्र की अनेक पंचायतों में बागवानी विभाग की नजर आज तक नहीं पड़ पाई। आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद जुन्गा क्षेत्र में बागवानी का कोई विकास नहीं हो पाया है। बलोग पंचायत के लखोटी से सिरमौर जिला के शरगांव को जोड़ने वाले पुल लोगों में मजाक का विषय बनकर रह गई । इस पुल की आधारशिला वर्ष 2012 में पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने रखी थी। अर्थात वर्ष 2021 का वर्ष कसुंपटी विधानसभा के लिए विकास की दृष्टि से सामान्य रहा ।