HNN/पांवटा साहिब
हिमाचल प्रदेश में 1 जून को होने वाले लोकसभा चुनाव में संयुक्त किसान मंच हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का बहिष्कार करेगी। पांवटा साहिब में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय किसान नेता अनिंदर सिंह नौटी ने कहा कि सयुंक्त किसान मंच जो हिमाचल के 27 किसानों संगठनों का साँझा मंच है।
भारतीय किसान यूनियन हिमाचल में घटक संगठन है, दोनों के वरिष्ठ सदस्य और राष्ट्रीय किसान नेता अनिंदर सिंह नौटी और उनके दर्जनों किसान साथियों द्वारा पांवटा साहिब में एक राज्य स्तरीय वार्ता को संबोधित किया गया। हिमाचल के सभी किसान संगठनों ने भाजपा के किसान बागवान विरोधी फैसलों और किसानो पर की गई बर्बरता पूर्ण कार्यवाहियों के कारण नो वोट फॉर बीजेपी अभियान फिर से चला दिया है।
राष्ट्रीय किसान नेता अनिंदर सिंह नौटी ने बताया कि हिमाचल में पहले भी बाइ इलेक्शन के दौरान इस अभियान और नारे का व्यापक असर देखने को मिला था और भाजपा सभी सीट हार गई थी। इस बार भी पूरे हिमाचल में किसान बागवान भाजपा को सबक सिखाने के मूड में हैं। भाजपा ने ना तो अतीत की गलती को सुधारने का कोई प्रयास किया, ना पश्चाताप।
जिसका जीता जागता उदाहरण उस अजय मिश्रा टेनि को लखीमपुर खीरी से फिर से टिकट देना है जिसके बेटे ने किसानो को अपनी जीप तले रोंद कर मार दिया। वही कंगना को मंडी से प्रत्याशी बनाया, जिसने किसानो का सरेआम उपहास उड़ाया। भाजपा का चुनाव घोषणा पत्र किसानो को लेकर खाली है, चाहे वो हिमाचल का किसान है या किसी दूसरे प्रदेश का।
आज भाजपा के अपने किसान संगठन और आरएसएस के संगठन भारतीय किसान संघ तक भाजपा से नाराज होकर चुनाव से दूरी बना कर चल रहे हैं। हिमाचल में संयुक्त किसान मंच ने मुख्यतौर तौर पर 6 मांग दोनों मुख्य राजनैतिक दलों के सामने रखी थी।
जिनमें सभी फसलों और फलों को एमएसपी की गारंटी, सेब पर आयात शुल्क 100 प्रतिशत करना, एमआईएस के तहत सेब और फलों की खरीद का बकाया केंद्र सरकार समय-समय जारी करे। कृषि बागवानी के उपकरणों पर निर्बाध सब्सिडी, कृषि बागवानी में काम आने वाले औजार और वस्तुएँ जीएसटी के दायरे से बाहर करना और हिमाचल में खाद बीज़ दवा सस्ती उपलब्ध करवाना जैसी मांगे शामिल है।