धर्मशाला में मंच से ‘राधे-राधे’ और ‘राम-राम’ का अभिवादन देने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू फिर चर्चा में हैं। सोशल मीडिया पर पुराने वीडियो की ट्रोलिंग ने इस विषय को प्रदेश से निकलकर राष्ट्रीय बहस तक पहुंचा दिया।
धर्मशाला
पुराना वीडियो वायरल, ट्रोलिंग के बीच सीएम ने लगाए नारे
कुछ दिन पहले धर्मशाला में बच्चों से बातचीत के दौरान ‘राधे-राधे’ कहने पर पूछे गए सवाल का वीडियो वायरल होने के बाद सीएम पर सोशल मीडिया में लगातार प्रतिक्रियाएं हो रही थीं। इसी बीच वॉकथॉन कार्यक्रम में उन्होंने मंच से ‘राधे-राधे’ और ‘राम-राम’ के नारे लगाए, जिसे नेटिज़न्स ने पिछले वीडियो से जोड़ दिया और विवाद और अधिक उभर आया।
देशभर में बहस, धार्मिक भावनाओं पर बयान तेज
इस पूरे मामले ने हिमाचल से बाहर राष्ट्रीय स्तर पर भी बहस को हवा दी। कई सोशल मीडिया हैंडल्स ने वीडियो शेयर कर कटाक्ष किए, मीम्स बनाए और इसे दो विरोधाभासी संदर्भों से जोड़कर प्रश्न उठाए। समर्थकों का कहना है कि विवाद को आवश्यकता से अधिक तूल दिया जा रहा है, जबकि कई उपयोगकर्ता इसे विचारधारा का विरोधाभास बता रहे हैं।
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कथावाचक देवकीनंदन का बयान भी चर्चा का हिस्सा
प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन द्वारा इस विषय पर की गई टिप्पणी के बाद मामला और सुर्खियों में आ गया। उनके वीडियो के वायरल होते ही धार्मिक दृष्टिकोण से भी सवाल उठने लगे। इसके बाद राजनीतिक हलकों ने भी इस मुद्दे को उठाया और बहस का दायरा सोशल मीडिया से बढ़कर सार्वजनिक वक्तव्यों तक फैल गया।
हिमाचल में सनातन और संस्कृति पर राजनीति तेज
प्रदेश के विभिन्न जिलों में इस विवाद के बाद सनातन, परंपरा और धार्मिक अभिवादन को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी बढ़ी है। भाजपा ने कांग्रेस पर सनातन विरोधी मानसिकता का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस इन आरोपों को राजनीतिक हमला बताते हुए खंडन कर रही है। इस बीच सोशल मीडिया पर लगातार प्रतिक्रियाएं, समर्थन और विरोध दोनों रूप में सामने आ रहे हैं।
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