मुख्यमंत्री सुक्खू ने किन्नौर में रखी 48‐48 करोड़ की परियोजनाओं की आधारशिला, युवाओं संग खेला क्रिकेट
किन्नौर
खेल परिसर, यूथ हॉस्टल, ऑडिटोरियम समेत कई विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास
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48‐48 करोड़ की बड़ी सौगातें किन्नौर को
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने किन्नौर विधानसभा क्षेत्र को 48‐48 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात दी। इसमें जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) रिकांगपिओ में 8 करोड़ रुपये से बनने वाले ऑडिटोरियम का शिलान्यास, कल्पा में 29.88 करोड़ रुपये से बनने वाले राजीव गांधी खेल परिसर की आधारशिला और 10.60 करोड़ रुपये से निर्मित यूथ हॉस्टल का उद्घाटन प्रमुख हैं।
शिपकी-ला टूरिज्म के लिए खुला, वन अधिकार अधिनियम के लाभार्थियों को जमीन के हक
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत कल्पा ब्लॉक के 25 लाभार्थियों को भूमि पट्टों के प्रमाणपत्र वितरित किए। उन्होंने ऐलान किया कि 75 वर्षों में पहली बार शिपकी-ला को पर्यटकों के लिए खोलने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है, जिससे किन्नौर की आर्थिकी को मजबूती मिलेगी।
भ्रष्टाचार पर सख्ती और आत्मनिर्भर हिमाचल की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सत्ता में आते ही ओपीएस बहाल की, जबकि केंद्र ने 1600 करोड़ की ग्रांट रोक दी। उन्होंने बताया कि पूर्व सरकार राज्य पर 10 हजार करोड़ का बोझ छोड़ गई, लेकिन वर्तमान सरकार ने 3000 करोड़ की बचत कर भ्रष्टाचार के दरवाजे बंद किए हैं। प्राकृतिक आपदा से हुए 10 हजार करोड़ के नुकसान के बावजूद केंद्र से कोई मदद नहीं मिली, इसलिए राज्य ने अपने संसाधनों से 4500 करोड़ की राहत दी।
विकास की नई योजनाएं और युवाओं को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने खेल परिसर और इंडोर स्टेडियम के लिए 10-10 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। साथ ही ‘खेलो क्रिकेट टुक्पा क्वीन टीम’ के 11 खिलाड़ियों को 10-10 हजार रुपये देने की घोषणा की गई। उन्होंने किन्नौर के चार खंडों में सीबीएसई से संबद्ध स्कूल खोलने और 5 महिला मंडलों को 1-1 लाख रुपये सहायता देने की बात भी कही।
आरोपों का जवाब, योजनाओं का विस्तार
मुख्यमंत्री ने विमल नेगी प्रकरण पर विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार दोषियों को बख्शेगी नहीं। उन्होंने बताया कि इस वित्त वर्ष में 25 हजार भर्तियां की जाएंगी। सुख आश्रय योजना और इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के तहत अनाथ बच्चों व विधवा महिलाओं के बच्चों की पढ़ाई का खर्च राज्य सरकार उठा रही है। 70 वर्ष से अधिक बुजुर्गों के लिए डोर-टू-डोर हेल्थ चेकअप योजना जल्द लाई जाएगी।
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