HNN/ शिमला
अधिसूचना के नौ मास बीत जाने के बावजूद भी जनवरी 2016 के उपरांत सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ नहीं मिल पाया है जिसके चलते पेंशनर्ज की नाराजगी आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को भारी पड़ सकती है। बता दें कि असंख्य पेंशनर्ज का मामला महालेखाकार कार्यालय शिमला में पुर्नसंशोधन के लिए लटका पड़ा हैं। हालांकि, कुछ पेंशनर्ज के संशोधित पेंशन के मामले आ चुके हैं जोकि भुगतान के लिए ट्रेजरियों में सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
सेवानिवृत कर्मचारी एवं किसान सभा के अध्यक्ष डाॅ. कुलदीप तंवर ने बताया कि सेवानिवृत कर्मचारियों की संशोधित ग्रेच्युटी और कम्यूटेशन को रोकना तर्कसंगत नहीे हैं क्योंकि सेवानिवृत कर्मचारी अपने जीवन के चौथे पड़ाव में पहुँच चुके है और छठे वेतन आयोग के एरियर से कुछ कर्मचारी अपने बच्चों के लिए कारोबार आरंभ करना चाहते हैं। कुछ रिटायर कर्मचारी अपने बच्चों को तकनीकी प्रशिक्षण अथवा विवाह करवाना चाहते हैं।
एक वर्ष से एरियर के इंतजार में रिटायर कर्मचारियों के सब्र का बांध टूटने लगा है। पेंशनर्ज अमीं चद, धर्मदास, राजेश कुमार, कांता कश्यप सहित अनेक लोगों का कहना है कि छठे वेतन आयोग को लागू करने को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों को उलझाया जा रहा है जोकि प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ है। अनेक पेंशनर्ज की फिक्सेशन भी बीते नौ महीनों से नही हो पाई है।
जो कर्मचारी वर्ष 2016 के उपरांत रिटायर हुए है, उनका संशोधित ग्रेच्युटी और कम्यूटेशन का भुगतान रोका जा रहा है जिसका खामियाजा आने वाले विधानसभा चुनाव में वर्तमान सरकार को भुगतना पड़ सकता है। इनका कहना है कि इससे पहले भी पेंशनर्ज द्वारा अतीत में चार वेतन आयोग के लाभ लिए जा चुके हैं। यहां तक की वर्ष 2010 में पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल द्वारा पांचवे वेतन आयोग के लाभ समय पर दिए गए थे।
इस बार जयराम सरकार एरियर 50 हजार देने की बात की गई है जोकि ऊंट के मुंह में जीरा वाली बात है। पेंशनर्ज का आरोप है कि आजादी के 75 वर्ष मनाने तथा प्रधानमंत्री की रैलियों पर सरकार द्वारा करोड़ों रूपये की राशि पानी की तरह बहाई जा रही है दूसरी ओर कर्मचारियों व पेंशनर्ज को एरियर देने के लिए खजाना खाली का राग अलापा जा रहा है। डाॅ. कुलदीप तंवर सहित सभी पेंशनर्ज ने सरकार से मांग की है कि संशोधित ग्रेच्युटी और कम्यूटेशन का भुगतान एक मुश्त किया जाए।