HNN/ श्री रेणुका जी
धार्मिक एवं पर्यटन स्थल श्री रेणुका जी में न्यू ईयर और वीकेंड पर पर्यटक उमड़ पड़े। इनमें स्थानीय ही नहीं बल्कि बाहरी राज्यों से भी पर्यटक यहां पहुंचे थे। इस दौरान श्रद्धालुओं ने रेणुका जी झील में न केवल बोटिंग का लुफ्त उठाया बल्कि झील में डेरा जमाए बैठे सैकड़ों की संख्या में प्रवासी पक्षी भी आकर्षण का केंद्र बने। बता दें कि भगवान परशुराम की जन्मस्थली में श्री रेणुका झील झील लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। शनिवार को न्यू ईयर पर वीकेंड होने के चलते काफी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचे।
यहां पहुंचकर लोगों ने मां रेणुका सहित अन्य देवताओं के मंदिरों में दर्शन किए। जिसके बाद पर्यटकों सहित श्रद्धालुओं ने यहां तक़रीबन 3 किलोमीटर लंबी झील की परिक्रमा की। इस दौरान पर्यटकों ने यहां स्थित मिनी चिड़ियाघर में रह रहे हिमालयी काली बियर, स्पॉटर हिरण, सांभर और लेपर्ड को भी निहारा। वहीँ, श्रीरेणुकाजी झील की परिक्रमा करते समय एक मीठे पानी का चश्मा आता है।
इस मीठे पानी के चश्मे के बारे में बताया जाता है कि कुछ वर्षों पूर्व तक इस मीठे पानी चश्मे से दूध निकलता था और इस दूध को क्षेत्र की जनता अमृत के तौर पर अपने दैनिक उपयोग के लिए प्रयोग करते थे। मगर समय के साथ यह दूध अब मीठे पानी में परिवर्तित हो गया और अब यहां पर मीठे पानी की जल धारा बहती है।
उधर, नाहन-श्रीरेणुकाजी मार्ग पर ददाहु से करीब छह किलोमीटर पहले प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर बाबा बडोलिया मंदिर भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। करीब 550 फीट ऊंची पहाड़ी से गिरता पानी का झरना इस मंदिर की सुंदरता और अधिक बढ़ा देता है। साल भर इस झरने से पानी बहता रहता है। वहीँ, नव वर्ष पर जिला में स्थित निजी और पर्यटन निगम के होटल पैक रहे।
इससे होटल व्यवसायियों को जहां बड़ी राहत मिली, वहीं पर्यटकों की आवभगत के लिए विशेष प्रबंध किए थे। पर्यटकों के उमड़ने से होटल व्यवसायियों के चेहरे खिले हुए हैं। पर्यटन निगम के रेणुका होटल सहित जमटा के निजी होटलों जहां शत प्रतिशत तो वहीँ, अन्य होटल भी 70 से 80 फ़ीसदी बुक रहे।