HNN / धर्मशाला
प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार ने पशुपालकों के लिए अनेक योजनाएं आरम्भ की हैं। प्रदेश में एक पशु अस्पताल, एक नया पशु पॉलीक्लीनिक तथा 10 नए पशु औषधालय खोले गए हैं। इसके अलावा 23 पशु औषधालयों को पशु अस्पताल, एक पशु औषधालय को जोनल पशु अस्पताल और एक पशु अस्पताल को उपमण्डलीय पशु अस्पताल में स्तनोन्नत किया गया है। यह जानकारी बिक्रम ठाकुर ने अपने विधानसभा क्षेत्र के जसवां परागपुर में कटोह-टिक्कर में 21.50 लाख रुपए की लागत से निर्मित पशु औषधालय भवन का उद्घाटन करने के उपरांत जनसभा को सम्बोधित करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि पशुपालन तथा दुग्ध उत्पादन गतिविधियां कृषि से सम्बन्धित लोगों के जीवन का अभिन्न अंग हैं। हिमाचल प्रदेश में काफी संख्या में पशुपालक अपनी आजीविका के लिए पशुपालन गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। पशुपालन प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपना अहम् योगदान दे रहा है, जिसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने पशुपालकों के लिए अनेक योजनाएं आरम्भ की हैं और पशुओं के स्वास्थ्य की उचित देखभाल के लिए पशु स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करने व उनकी देखभाल के लिए हिमाचल प्रदेश गौ-सेवा आयोग की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 198 गौ-सदन संचालित किए जा रहे हैं। गौ-अभ्यारण्यों व गौ सदनों की स्थापना तथा सुदृढ़ीकरण के लिए लगभग 3.08 करोड़ आवंटित किए गए हैं।