Himachalnow / नाहन
मुस्लिम युवक ने दिखाई ईमानदारी, सिरमौर तक पर्स लौटाने का निभाया वादा
श्री रेणुकाजी मेले में गुम हुआ पर्स आखिरकार 16 दिनों बाद उसके असली मालिक तक पहुंच गया। पर्स के मालिक चमन शर्मा ने इसे फिर से पाने की उम्मीद छोड़ दी थी। यह पर्स अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुकाजी मेले के दौरान हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ में कहीं गुम हो गया था। पर्स में मौजूद पैसों से ज्यादा चमन को उसमें रखे जरूरी दस्तावेजों की चिंता सता रही थी, जिन्हें दोबारा बनवाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती।
17 नवंबर को जब मेला खत्म होने के बाद भीड़ अधिक थी, तभी चमन का पर्स गुम हुआ। मेले से दुकानें 20 नवंबर तक उठने लगी थीं। इसके बाद 22 नवंबर को चमन के मोबाइल पर एक फोन आया। यह कॉल सोलन की एक टीवीएस एजेंसी से थी, जिसमें पूछा गया कि क्या उनकी कोई वस्तु गुम हुई है। चमन ने तुरंत जवाब दिया हां। फिर उन्हें बताया गया कि उनकी चीज उत्तर प्रदेश पहुंच गई है। इसके बाद, चमन के पास अलग-अलग स्थानों से फोन आने लगे। सभी कॉल्स उसी व्यक्ति द्वारा कराई जा रही थीं, जिसने पर्स पाया था।
पर्स ढूंढने वाले का नाम मोहम्मद आरिफ था, जो सहारनपुर, उत्तर प्रदेश का निवासी है। आरिफ मेले में दुकान लगाने आया था। जब उसने अपना सामान समेटा, तो चमन का पर्स उसके पास मिला। ईमानदारी दिखाते हुए आरिफ ने चमन के पर्स में मौजूद कांटेक्ट्स से संपर्क किया। आखिरकार चमन का पर्स लौटाने की योजना बनाई गई। आरिफ ने अपने दोस्त मुक्तादिर के माध्यम से पर्स कालाअंब, हिमाचल प्रदेश भिजवाया। मंगलवार, 3 दिसंबर को चमन शर्मा कालाअंब पहुंचे, जहां मुक्तादिर ने उन्हें उनका पर्स लौटा दिया।
चमन ने पाया कि उनका आधार कार्ड, पैन कार्ड, डीएल, आरसी और अन्य दस्तावेज सही-सलामत थे। कुछ पैसे भी सुरक्षित थे। चमन ने राहत की सांस ली और मोहम्मद आरिफ की ईमानदारी की सराहना की। यह घटना साबित करती है कि आज भी ईमानदारी और मानवता जिंदा है।