Himachalnow / नाहन
प्राकृतिक चिकित्सा सेवाओं को बढ़ावा, सिरमौर में आयुष विभाग का विस्तार
आयुष विभाग लघु शल्य और पंचकर्मा से कर रहा लोगों का उपचार
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हिमाचल प्रदेश सरकार आयुष विभाग में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रही है। प्राकृतिक चिकित्सा सेवाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, जिला सिरमौर में आयुष विभाग द्वारा लघु शल्य (पैरा सर्जिकल) चिकित्सा प्रक्रिया को घर-घर तक पहुंचाने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जा रही हैं।
सिरमौर जिले में आयुष सेवाओं का विस्तार
जिला सिरमौर में आयुष विभाग के कुल 89 आयुष संस्थान, 72 वेलनेस सेंटर और 17 एएचसी अस्पताल कार्यरत हैं। इन सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए 25 आयुष चिकित्सा प्रक्रियाओं को लागू किया गया है और 25 आयुष चिकित्सा अधिकारियों को पंचकर्म चिकित्सा का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। अब तक, इस जिले में 661 लोगों ने पैरा सर्जिकल उपचार और 816 लोगों ने पंचकर्म चिकित्सा का लाभ उठाया है।
लघु शल्य चिकित्सा से मिल रहा रोगियों को लाभ
आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयदीप ने बताया कि सिरमौर जिले में लघु शल्य चिकित्सा और पैरा सर्जिकल तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है। इनमें अग्नि कर्म, रक्तमोक्षण, मर्म चिकित्सा, कपिंग, विद अग्निकर्म, क्षार कर्म जैसी प्रक्रियाएं शामिल हैं। इन उपचारों के माध्यम से मरीजों को प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ मिल रहा है, जिससे वे बिना किसी दुष्प्रभाव के स्वस्थ हो रहे हैं।
पंचकर्म चिकित्सा में आधुनिक तकनीकों का उपयोग
पंचकर्म और केरलीय पंचकर्म के तहत शिरोधारा, जानू बस्ती, गरीबा बस्ती, कटी बस्ती, नस्य कर्मा, सनेहन-अभ्यंग, और संवेदन जैसी प्रक्रियाओं के माध्यम से विभिन्न रोगों का उपचार किया जा रहा है। इन पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों से मरीजों को स्थायी राहत मिल रही है।
बल्व चिकित्सा से मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द का उपचार
आयुष चिकित्सालय नाहन में बल्व चिकित्सा के माध्यम से मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द का प्रभावी इलाज किया जा रहा है। इस प्रक्रिया से मरीजों को बिना दवाइयों के दुष्प्रभाव के राहत मिल रही है, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर बना रह रहा है।
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