लेटेस्ट हिमाचल प्रदेश न्यूज़ हेडलाइंस

विद्यार्थियों में सामाजिक चेतना विकसित करें शिक्षक एवं अभिभावक – सरवीन चौधरी

PRIYANKA THAKUR | 1 मार्च 2022 at 12:27 pm

Share On WhatsApp Share On Facebook Share On Twitter

HNN / धर्मशाला

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा कि शिक्षा देने का उद्देश्य तभी सार्थक होगा जब विद्यार्थियों में सामाजिक चेतना विकसित होगी। इसलिए शिक्षकों और अभिभावकों को विद्यार्थियों में सामाजिक चेतना विकसित करने का कार्य प्रमुखता से करना चाहिए। सरवीन चौधरी राजकीय उच्च विद्यालय प्रेई में शिक्षा संवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने के उपरांत उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए बोल रहीं थी।

उन्होंने कहा कि युवा-विद्यार्थी स्वामी दयानंद सरस्वती की परम्पराओं को आगे बढ़ाने का कार्य करें। विद्यालयों की भूमिका पर बोलते हुए सरवीन चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बताए गये प्रकल्पों पर विद्यालय गम्भीरता से कार्य करें। उन्होंने कहा कि विद्यालय शिक्षकों और विद्यार्थियों के समूह बना कर स्वच्छता, प्लास्टिक मुक्त भारत और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर कार्य करें।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group

इस अवसर पर अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए सरवीन चौधरी ने कहा कि अपने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अभिभावक बच्चों से निरंतर संवाद करें और उनके पाठ्यक्रम पर उनसे चर्चा करें। उन्होंने कहा कि अभिभावक और शिक्षक बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर बनाने के साथ एक अच्छा व्यक्ति बनाने पर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा की बुनियाद जितनी मजबूत होगी, भविष्य उतना ही सुनहरा होगा। उन्होंने कहा कि बुनियादी स्तर पर गुणात्मक व आधुनिक शिक्षा सुविधा घर-द्वार पर उपलब्ध करवाने के दृष्तिगत प्रदेश सरकार ने प्राथमिक पाठशालाओं मे प्री-प्राईमरी कक्षाओं की शुरूआत कर इस दिशा में एक अभिनव पहल की है।

सरवीन ने शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा जीवन में सफलता का आधार होती है। उन्होंने अध्यापकों से आहवान् किया कि वह बच्चों को गुणात्मक शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी भाग लेने के लिए प्रेरित करें ताकि उनका सर्वागीण विकास हो सकें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है और प्रदेश अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी काल में अनुशासन, परिश्रम की आदत बनानी चाहिये ताकि इसका लम्बे समय तक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि सभी बच्चों को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए तथा उसी के आधार पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करनी चाहिए।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!

Join WhatsApp Group

आपकी राय, हमारी शक्ति!
इस खबर पर आपकी प्रतिक्रिया साझा करें