रात-दिन भरे जा रहे पानी के टैंकर, अधिकांश टैंकर ट्रैक्टरों की नंबर प्लेट गायब
HNN/कालाअंब
एक ओर जहां औद्योगिक नगरी कालाअंब सरकार को करोड़ों का राजस्व दे रही है तो वहीं इस क्षेत्र में अव्यवस्थाओं का आलम उद्योगपतियों के लिए काला पानी बन गया है।
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कालाअंब-त्रिलोकपुर सड़क पर रूचिरा पेपर मिल के समीप बने निजी वाटर फीलिंग स्टेशन (पानी का बोर) लोक निर्माण विभाग की सड़क के लिए घातक साबित हो रहा है। आलम ये है कि इस स्टेशन पर टैंकरों की भराई के दौरान भारी मात्रा में ओवरफ्लो होने वाले पानी ने सड़क को भारी नुकसान पहुंच चुका है।

इसके साथ ही अंदर की ओर जाने वाले संपर्क मार्ग पर भी ऐसा ही एक वाटर फीलिंग प्वाइंट है, जहां से प्रतिदिन लाखों गैलन पानी गर्मियों के दौरान जमीन से निकाला जा रहा है। इस पानी का इस्तेमाल व्यावसायिक तौर पर किया जा रहा है।
अधिकतर फैक्टरियों में 400 से 600 रुपये प्रति टैंकर बेचा जा रहा है। इसकी एवज में सरकार को कितना राजस्व मिल रहा है, ये अपने आप में बड़ा सवाल है। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि पानी सप्लाई में लगे टैंकर वाले ट्रैक्टरों की नंबर प्लेट ही गायब है। सूत्रों की मानें तो अधिकतर पानी के टैंकर हरियाणा से हिमाचल में प्रवेश कर रहे हैं। इसकी एवज में सरकार को एक भी पैसे का राजस्व नहीं मिल पा रहा है।
गर्मियों का सीजन चला हुआ है। इसके बावजूद बगैर वाटर लेबल जांचे अनिश्चित मात्रा में पानी का दोहन किया जा रहा है। इसका सीधा असर सरकारी वाटर सप्लाई के साथ साथ प्रकृति और पर्यावरण पर भी पड़ रहा है।
वहीं, अतिरिक्त थाना प्रभारी कालाअंब भागीरथ शर्मा ने बताया कि इस मामले की जांच की जाएगी। बगैर नबंर प्लेट के चलने वाले नंबरों के चालान काटे जाएंगे।
उधर, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आलोक जनवेजा ने बताया कि यदि विभाग की सड़क को नुकसान पहुंचा है तो इसकी भरपाई संबंधित वाटर फीलिंग स्टेशन के मालिक से की जाएगी। साथ ही कानून प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी।
अधीक्षण अभियंता राजीव महाजन ने कहा कि मामला गंभीर है इसको लेकर संबंधित क्षेत्र के अधिकारी से रिपोर्ट मांगी जाएगी।
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