स्वर्गीय रतन टाटा जी के निधन से देश ने एक बिशिष्ट ब्यक्तित्व वाला , सच्चा देशभक्त खो दिया है जिसमे असाधारण प्रतिभा बिद्यमान थी । बह दिल से बहुत उदार थे और एक सच्चे देश भक्त थे ।मुझे याद है की जब हम एक समारोह में मिले तो मुझे देखते ही बह मुस्करा दिए और उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर कहा” शहनाज़ , तुमने आयुर्वेद को बिश्व स्तर पर पहुंचाया है और मैंने भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी है।
रतन टाटा जी को में जब भी मिलती थी तो बह मेरे दिल में अपनी सादगी , दरियादिली और नेकनीयती की एक गहरी छाप छोड़ देते थे । बह भारतीय मूल्यों और आदर्शो के धबजबाहक थे जिन्होंने बिश्व मानचित्र पर भारत की छबि को उभारने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उन्होंने देशबासियों के दिल में एक गहरी छाप छोड़ी है और देश के लोग जमीन से जुड़े देशभक्त को हमेशा दिल की गहरायिओं से याद करेंगे ।
उन्होंने बिश्व मानचित्र पर भारतीय उद्योगों को पहचान दिलाई और पुरे बिश्व को भारत के उद्योगों और उद्यमियों की क्षमता से रूबरू करबाया की कैसे भारत स्वतन्त्र रूप से बिश्व की अर्थ व्यवस्था में अपना योगदान दे सकता है और भारतीय उत्पादों को बिश्व स्तर पर बिशिष्ट पहचान दी ।में दुखी हृदय से जब यह श्रद्धांजलि लिख रही हूँ तो मेरे मन में उनके ब्यक्तित्व की छबि झलक रही है जब बह मुझे संघर्ष , मेहनत , समर्पण और सच्चे भाव से भारत को आर्थिक मानचित्र पर उभारने के लिए प्रेरित करते थे ।मुझे लगता की असाधारण व्यक्तित्व के ऐसे महान पुरुष का दुवारा अबतरण इस धरती पर मुश्किल होगा।
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