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मंडी में दरकती पहाड़ी का समाधान खोजने के लिए जियोटैग इन्वेस्टिगेशन शुरू

PARUL | 21 अक्तूबर 2024 at 2:26 pm

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HNN/मंडी

मंडी जिला में चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर 9 मील के पास दरकती पहाड़ी का समाधान खोजने के लिए जियोटैग इन्वेस्टिगेशन शुरू की गई है। एनएचएआई ने इसकी जियोटैगिंग इन्वेस्टिगेशन करवाना शुरू कर दिया है। इस इन्वेस्टिगेशन के बाद यह पता चल पाएगा कि भविष्य में यहां पर दरकते पहाड़ को रोकने के प्रयास किए जाने चाहिए, सड़क को चौड़ा करने या फिर पुल बनाने की तरफ आगे बढ़ना चाहिए।

एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरूण चारी ने बताया कि जियोटैग इन्वेस्टिगेशन की रिपोर्ट के बाद ही यह तय हो पाएगा कि मौके पर क्या करना बेहतर रहेगा। अभी यहां तीन विकल्प हैं जिनमें पहला दरकती पहाड़ी को स्टेबल करना, दूसरा मौजूदा सड़क को चौड़ा करना और तीसरा यहां पर पुल बनाना है। जो रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।

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मंडी से पंडोह के बीच इस बार 9 मील वाले प्वाइंट पर सबसे ज्यादा लैंडस्लाइड की घटनाएं देखने को मिलीं। यहां कई वाहन पहाड़ी से गिरे मलबे की चपेट में आए। एचआरटीसी की एक बस पर तो पहाड़ी से पत्थर तक गिर गए थे। यहां हालत यह हो गए हैं कि सड़क हद से ज्यादा संकरी हो गई है। इसलिए एक समय में एकतरफा ट्रेफिक ही क्रॉस हो पाता है। एक तरफ दरकता पहाड़ है तो दूसरी तरफ ब्यास नदी की ओर ले जाने वाली गहरी खाई। यदि यहां सड़क का मौजूदा हिस्सा जरा सा भी धंसता है तो फिर हाईवे पर यातायात पूरी तरह से बंद भी हो सकता है।

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