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UGC का नया बदलाव: अब अनुभव पर आधारित मिलेगा विश्वविद्यालय में दाखिला
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देशभर के विश्वविद्यालयों में स्नातक (UG) और पोस्ट ग्रेजुएट (PG) कोर्स के दाखिले में एक बड़ा बदलाव लाने की योजना बनाई है। इसके तहत, अब विश्वविद्यालयों के कोर्स के दाखिले में काम के अनुभव को प्राथमिकता दी जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस प्रक्रिया के तहत छात्रों को उनके पूर्व अनुभवों के लिए क्रेडिट भी मिलेंगे।
इसके साथ ही, कोर्स की अवधि में कमी होगी, जिससे छात्र कम समय में कोर्स पूरा कर सकेंगे। इसके परिणामस्वरूप, कोर्स की फीस भी घटेगी। UGC ने Recognition of Prior Learning Regulation (RPL) का ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसे विश्वविद्यालयों में लागू किया जाएगा।
UG और PG कोर्स में मिलेगा अनुभव का क्रेडिट
UGC के चेयरमैन प्रोफेसर जगदीश कुमार के अनुसार, इस योजना का लाभ लेने के लिए छात्रों को अपने अनुभवों को साबित करना होगा। इसके लिए उन्हें अपना Portfolio तैयार करना होगा, और उनका टेस्ट और इंटरव्यू भी लिया जाएगा।
क्रेडिट वितरण का तरीका
- UG और PG कोर्स में छात्रों को उनके काम के अनुभव के आधार पर क्रेडिट मिलेगा।
- एक UG कोर्स (जो सामान्यत: 120 क्रेडिट का होता है) में पहले साल के 40 क्रेडिट, जिसमें से 30% क्रेडिट पूर्व अनुभवों को दिया जाएगा।
- इस प्रकार, अगर छात्र को पूर्व अनुभवों के आधार पर क्रेडिट मिलते हैं, तो उनके कुल क्रेडिट में 30% का वेटेज जोड़ा जाएगा।
- उदाहरण के लिए, 4 साल का UG कोर्स (160 क्रेडिट) में 112 क्रेडिट रेगुलर कोर्स से और 48 क्रेडिट अनुभव से मिल सकते हैं।
एक उदाहरण के माध्यम से समझें
- नर्सिंग में डिप्लोमा धारक कोर्स में दाखिला
- मान लीजिए, एक नर्स जो नर्सिंग में डिप्लोमा कर चुकी है और बीएससी नर्सिंग में दाखिला लेना चाहती है।
- उसे अपने डिप्लोमा और कोर्स का ब्योरा के साथ एक पत्र जमा करना होगा, जिसमें उसके काम और अनुभव के बारे में जानकारी दी जाएगी।
- इसके बाद, मूल्यांकन केंद्र उसकी लिखित परीक्षा और व्यावहारिक मूल्यांकन करेगा।
- मूल्यांकन के बाद, उसे निर्धारित क्रेडिट मिलेंगे, जो उसके बीएससी नर्सिंग कोर्स की अवधि को कम कर देंगे।
- व्यवसायी को MBA में दाखिला
- एक व्यवसायी जो MBA करना चाहता है, वह अपने व्यवसाय के दौरान प्राप्त अनुभवों को साबित करके और मूल्यांकन के माध्यम से MBA में दाखिला ले सकता है।
- इस प्रक्रिया से न केवल कोर्स की अवधि कम होगी, बल्कि उसे फीस में भी छूट मिल सकती है।
निष्कर्ष
UGC का यह नया कदम, Recognition of Prior Learning (RPL), छात्रों को उनके पूर्व अनुभवों के आधार पर अधिक क्रेडिट देने और कोर्स की अवधि कम करने का अवसर प्रदान करेगा। इससे छात्रों को उच्च शिक्षा की राह आसान होगी, और वे अपने कैरियर में सुधार के लिए शिक्षा और अनुभव दोनों को सही दिशा में उपयोग कर सकेंगे।