Himachalnow / शिमला
मुख्यमंत्री से सवाल:
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा है कि सुख सम्मान निधि के 10 लाख से अधिक आवेदन सरकारी दफ्तरों में धूल क्यों खा रहे हैं? उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि कब प्रदेश की 18 से 59 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं को महिला सम्मान निधि मिलेगी?
महिला सम्मान निधि पर सवाल:
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दावा करते हैं कि महिला सम्मान निधि की गारंटी पूरी की गई है, लेकिन हजारों आवेदन सरकारी दफ्तरों में पेंडिंग हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इस योजना की आधिकारिक घोषणा के बाद नौ महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन सरकार ने अब तक महिलाओं को हर महीने राशि क्यों नहीं दी?
चुनाव के समय किए गए वादे:
उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान कांग्रेस नेताओं ने महिलाओं से फार्म भरवाकर उन्हें राशि देने का वादा किया था, लेकिन अब सरकार इस दिशा में नदारद है। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने चुनाव के समय महिलाओं को सुविधाएं देने का वादा किया था, लेकिन सरकार बनने के बाद सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
मुख्यमंत्री से आग्रह:
जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि यदि सरकार महिलाओं के लाखों आवेदन पेंडिंग छोड़ रही है, तो मुख्यमंत्री को कांग्रेस के प्रचार पर ध्यान देने के बजाय अपनी नाकामी स्वीकार करनी चाहिए और प्रदेश की मातृशक्ति से माफी मांगनी चाहिए।
सरकार की संवेदनहीनता पर सवाल:
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने बिना बजट और तैयारी के सम्मान निधि की घोषणा की और अब नियमों में बदलाव कर महिलाओं को इस योजना का लाभ लेने से रोकने की कोशिश की जा रही है। चुनाव के दौरान 7 लाख से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए थे, लेकिन केवल 28,000 महिलाओं को एक किस्त दी गई। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार की ओर से महिला सम्मान निधि के वादे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
अस्वीकृत आवेदन और सरकार की जिम्मेदारी:
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने विधानसभा में खुलासा किया था कि 28,000 महिलाओं में से 2,810 महिलाएं अपात्र पाई गईं, जो एक नई चिंता का विषय है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ये महिलाएं 18 से 60 वर्ष आयु वर्ग की नहीं हैं और क्या सरकार ने उन महिलाओं को अपात्र घोषित किया जिनके परिवार में वृद्धा पेंशन या दिव्यांग पेंशन मिलती है?
संवेदनहीनता का आरोप:
जयराम ठाकुर ने सरकार की संवेदनहीनता की निंदा करते हुए कहा कि सामान्य रोजगार से जुड़े परिवारों को इस योजना के लिए अपात्र बताना सरकार की पूरी नीति का प्रमाण है।