Himachalnow / शिमला
“प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना” के तहत प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की का आटा हिमाचल प्रदेश के डिपुओं में 50 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध होगा। इस पहल का उद्देश्य लोगों को सस्ते और रासायनिक मुक्त आहार प्रदान करना है, साथ ही यह किसानों को समर्थन देने का एक तरीका भी है।
मूल्य निर्धारण और पैकिंग
ऑर्गेनिक मक्की आटे का संशोधित मूल्य
पहले खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने मक्की के आटे का मूल्य 80 रुपये प्रति किलो निर्धारित करने का प्रस्ताव भेजा था। लेकिन यह मूल्य अधिक होने के कारण सरकार ने इसे मंजूरी नहीं दी। अब सरकार ने इसे फिर से 50 रुपये प्रति किलो तय कर दिया है ताकि आम लोग भी कम कीमत पर ऑर्गेनिक मक्की का आटा खरीद सकें।
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पैकिंग के आकार
यह ऑर्गेनिक मक्की का आटा हिमभोग ब्रांड के तहत एक और पांच किलो के पैकिंग में डिपुओं में उपलब्ध होगा। हिमभोग ब्रांड के तहत तैयार आटे का लॉन्च 11 दिसंबर को बिलासपुर में सरकार के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर किया जाएगा।
किसानों से खरीदी और गुणवत्ता की जांच
किसानों से मक्की की खरीदी
अब तक हिमाचल प्रदेश भर में 1,508 किसानों से 398 मीट्रिक टन मक्की खरीदी जा चुकी है। यह मक्की प्राकृतिक खेती के तहत उगाई गई है, और यह आटा पूरी तरह से रासायनिक मुक्त होगा।
मक्की की गुणवत्ता परीक्षण
किसानों से खरीदी गई मक्की की परीक्षण नौणी विश्वविद्यालय की क्रॉप लैब में की जा रही है। यहां मक्की का परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि उसमें कोई रासायनिक तत्व न हो। केवल शुद्ध ऑर्गेनिक मक्की को ही खरीदी जाएगी। यदि मक्की में रासायनिक तत्व पाए गए, तो उसे वापस किसानों को लौटा दिया जाएगा।
आटे की पिसाई और शुद्धता
नौणी विश्वविद्यालय की क्रॉप लैब में मक्की की पूरी जांच के बाद ही उसे पिसकर आटा तैयार किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल शुद्ध मक्की का आटा ही जनता को उपलब्ध कराया जाए। इस प्रक्रिया की निगरानी परियोजना निदेशक, हेमिस नेगी द्वारा की जा रही है।
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