Himachalnow / शिमला
हिमाचल में बारिश और बर्फबारी की संभावना
हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के कारण 7 से 9 दिसंबर तक तीन दिन बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान है। शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और तेज पूर्वी हवाओं के प्रभाव से 7 दिसंबर की रात से बारिश शुरू होने की संभावना है, जो 9 दिसंबर तक जारी रहेगी। बारिश की तीव्रता 8 दिसंबर को अधिकतम रहेगी।
मुख्य बिंदु:
- राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश
- ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का अनुमान
- 3-4 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में गिरावट
7 जिलों में येलो अलर्ट: अंधड़ और बिजली गिरने का खतरा
हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में अंधड़ और बिजली गिरने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर शामिल हैं।
अलर्ट की मुख्य जानकारी:
- तेज हवाओं और अंधड़ का खतरा
- कुछ स्थानों पर बिजली गिरने का पूर्वानुमान
- 10 दिसंबर को भाखड़ा बांध और बल्ह घाटी में घना कोहरा छाने की संभावना
बर्फबारी और बारिश का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 8 और 9 दिसंबर को लाहौल-स्पीति, चंबा, किन्नौर, कांगड़ा, शिमला और कुल्लू जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। वहीं, सोलन, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, मंडी और हमीरपुर जिलों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना है।
10 दिसंबर को राज्य के मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है।
तापमान में गिरावट का अनुमान
7 दिसंबर तक हिमाचल प्रदेश में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। उसके बाद अगले तीन दिनों तक राज्य के कई हिस्सों में तापमान 3-4 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।
भुंतर सहित आठ स्थानों पर न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया है। शिमला का न्यूनतम तापमान 8.4°C, सुंदरनगर 1.6°C, भुंतर -0.7°C, कल्पा -1.8°C, धर्मशाला 6.0°C, ऊना 2.6°C, नाहन 7.3°C, पालमपुर 2.5°C, सोलन 0.7°C, मनाली 0.5°C, कांगड़ा 4.5°C, मंडी 3.3°C, बिलासपुर 4.0°C, हमीरपुर 3.1°C, जुब्बड़हट्टी 5.6°C और कुफरी का तापमान 6.0°C दर्ज किया गया है।
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश में 7 से 10 दिसंबर तक मौसम में काफी बदलाव देखने को मिलेगा, जिसमें बारिश, बर्फबारी और ठंडी हवाओं के साथ तापमान में गिरावट की संभावना है। प्रभावित क्षेत्रों में एहतियात बरतने की सलाह दी जाती है, खासकर उच्च पर्वतीय क्षेत्रों और उन जिलों में जहां येलो अलर्ट जारी किया गया है।