गुजरात दंगों को लेकर बनाई गई बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर देशभर में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। 21 जनवरी को केंद्र सरकार ने विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” को देश में प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि, कई शिक्षण संस्थानों में छात्र संगठनों ने डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन को लेकर हंगामा किया है, जिस पर विवाद की स्थिति भी पैदा हुई है।
ऐसे में ये मुद्दा अब देश की सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता एमएल शर्मा ने डॉक्यूमेंट्री बैन के सरकार के फैसले के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की है। एमएल शर्मा द्वारा दाखिल याचिका में केंद्र के प्रतिबंध को चुनौती दी गई है और दावा किया गया है कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर बैन अवैध है।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष उन्होंने मामले की जल्द सुनवाई की अपील की है। इस पर सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया है और मामले को छह फरवरी के लिए सूचीबद्ध किया गया है।