गिरी नदी में घटी पानी की मात्रा, बारिश न होने से पड़ा बिजली उत्पादन पर असर
HNN/ नाहन
जिला सिरमौर में पिछले पांच माह से बारिश ना होने का चलते नदी नाले सूखने के कगार पर पहुंच चुके हैं। जिला के गिरी पावर हाउस पर भी पानी की कमी का असर पढ़ रहा है। गिरी पावर हाउस 60 मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट है। मगर इन दिनों जटोन बैराज में पानी की भारी कमी के चलते बिजली उत्पादन में भी भारी गिरावट आई हैं।
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श्री रेणुकाजी के समीप जटोन बैराज में इन दिनों पानी की मात्रा 3 से 4 क्यूबिक रह गई है। गिरी नदी पर बने जटोन बैराज से पानी को टनल के माध्यम से गिरी नगर पावर हाउस में पहुंचाया जाता है। जहां पर बिजली बनाने के बाद पानी को दोबारा गिरी नदी में छोड़ दिया जाता है। आगे जाकर गिरी नदी पांवटा साहिब के रामपुर घाट के समीप यमुना नदी में मिलती है।
गिरी नदी, यमुना नदी की सहायक नदियों में से एक है। जिला सिरमौर में पांच माह से प्राप्त बारिश न होने और प्राकृतिक जल स्रोतों के सूखने की वजह से गिरी नदी का जलस्तर बिल्कुल कम हो गया है। आलम यह है कि गिरी नगर पावर हाउस में बिजली उत्पादन के लिए प्रतिदिन जटोन बैराज में 10 घंटे तक पानी इकट्ठा करना पड़ता है।
जब जाकर गिरी पावर हाउस में 4 से 5 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। गिरी नगर पावर हाउस में 60 मेगावाट बिजली के उत्पादन के लिए 46.7 क्यूबिक पानी की आवश्यकता होती है। बरसात के दिनों में 46.7 क्यूबिक पानी का प्रयोग कर बाकी पानी को सीधे ही नदी में छोड़ दिया जाता है। मगर इन दिनों में 4 क्यूबिक फिट पानी भी दस घंटे में एकत्रित हो रहा है।
जिसके चलते बिजली उत्पादन में भारी गिरावट आई है। आजकल मात्र चार से पांच मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। उधर, जब इस संदर्भ में गिरी नगर पावर हाउस के रेजिडेंट इंजीनियर रणवीर ठाकुर से बात की गई। तो उन्होंने बताया कि गिरी नदी में पिछले कुछ महीनो से पानी की मात्रा काफी कम हो गई है। जटोन बैराज में पहले पानी को एकत्रित किया जाता है, फिर पावर हाउस में मात्र 4 से 5 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है।
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