भारतीय सेना ने लगाया नोटिस कहा- कोई भी निर्माण से पहले हेड क्वार्टर में करें संपर्क
HNN/ नाहन
नाहन के बनोग से प्रस्तावित वाया धार क्यारी बाईपास सड़क के आसपास किसी भी प्रकार के निर्माण को लेकर आर्मी के द्वारा चेतावनी बोर्ड लगा दिया गया है। ऐसे में यदि कोई इस क्षेत्र में सड़क के किनारे या सड़क से 100 मीटर की दूरी पर मकान बनाने का सपना देख रहा है तो वह धराशाई हो सकता है।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group

असल में भारतीय सेना के द्वारा चेतावनी बोर्ड लगाकर सैन्य जमीन होने का दावा किया गया है। जिसमें उन्होंने साफ तौर पर यह कह दिया है कि यह क्षेत्र सैन्य क्षेत्र के अधीन है। चस्पा की गई सूचना के अनुसार जमीन की खरीद-फरोख्त करने से पहले अपने दस्तावेज स्टेशन हेडक्वार्टर से संपर्क करने के लिए भी कहा गया है।

इस सूचना में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि सैन्य क्षेत्र अथवा सैन्य भूमि से 100 मीटर की दूरी तक किसी भी निर्माण कार्य की अनुमति नहीं है। ऐसे में यदि कोई जारी सूचना के अनुरूप उल्लंघन करता है तो उसके लिए सेना के द्वारा जमीन खरीदने वाले को खुद जिम्मेवार होना बताया गया है।
यहां ध्यान रखने योग्य बात यह है कि हाल ही में लंबे अरसे से करीब 300 मीटर सड़क के चलते यह रास्ता पूरी तरह से बंद था। स्थानीय नेता व पूर्व विधायक डॉ. राजीव बिंदल और सांसद सुरेश कश्यप के प्रयासों के चलते 300 मीटर सैन्य भूमि के विवाद को सुलझाया गया था।
उसके बाद इस सड़क पर बस भी चलाई गई और बाईपास की डीपीआर के लिए इसे प्रस्तावित भी किया गया है। इस बाईपास की प्रस्तावित अधिसूचना के बाद भू माफियाओं का एक बड़ा नेटवर्क यहां पर जम गया। भू माफियाओं के द्वारा इस क्षेत्र में भारी मात्रा में जमीनों की खरीद-फरोख्त की गई।
यहां तक की जिला के सबसे बड़े भू विक्रेता ने भी यहां पर ली गई जमीन में प्लॉटिंग करना शुरू कर दिया। यह भू माफिया काफी शातिर भी है क्योंकि यशवंत विहार में जिन जमीनों की जंगल झाड़ी किस्म थी उसको भी पैसे के दम पर बदलवा लिया गया था। यही नहीं जिन जगह पर 60-40 की रेशों में जमीन छोड़ी जानी थी वह भी नहीं छोड़ी बल्कि सारी जमीन बेच डाली।
एनजीटी के नियमों के अनुसार जो जगह पार्क अथवा ग्रीनपैक के लिए छोड़ी जाती थी और यह जमीन पुराने नक्शे में दर्शाए भी गई थी मगर बाद में सब कुछ बदलाव करते हुए वहां पर भी फ्लैट बना दिए गए थे। संभवत इस क्षेत्र में भी सैन्य अधिसूचना के बावजूद लोगों को प्रभावित करने के लिए कागजी जाल में उलझाया जा सकता है।
इस क्षेत्र में और भी कई प्रॉपर्टी डीलर के द्वारा जमीनों की खरीद-फरोख्त की गई है ऐसे में एक घर बनाने का सपना देखने वाले व्यक्ति को भारी परेशानियों से भी गुजरना पड़ सकता है। यहां यह भी बता दें कि एनएच 907 ए के सर्वे के अनुसार अब बाईपास का निर्माण इस सड़क से नहीं होगा बनोग से काशी वाला तक सुरंग का निर्माण किया जाएगा। ऐसे में कोई भी व्यक्ति नहीं चाहेगा कि इस क्षेत्र में प्लाट लेकर मकान बनाया जाए।
📢 लेटेस्ट न्यूज़
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group