ऊना/वीरेंद्र बन्याल
आय सीमा बढ़ी, दिव्यांगता मापदंड बदला, 26 बेटियों को अब तक सहायता
बेटियों के लिए संबल बना सामर्थ्य कार्यक्रम
जिला प्रशासन ऊना द्वारा संचालित सामर्थ्य कार्यक्रम गरीब और जरूरतमंद बेटियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में सशक्त बना रहा है। उपायुक्त जतिन लाल की नवाचारी सोच से प्रारंभ इस कार्यक्रम को अब और अधिक समावेशी व व्यावहारिक बनाया गया है।
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पात्रता नियमों में हुआ बदलाव
अब इस योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों की वार्षिक आय सीमा 60 हजार से बढ़ाकर 80 हजार कर दी गई है। साथ ही छात्रा के पिता की दिव्यांगता सीमा भी 60 प्रतिशत से घटाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है, बशर्ते दिव्यांगता प्रमाण-पत्र कम से कम एक वर्ष पुराना हो।
कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएं
इस योजना के तहत उन छात्राओं को आर्थिक सहायता दी जाती है जिनके पिता जीवित नहीं हैं या दिव्यांग हैं। पात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा, कोचिंग, मेडिकल और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए 25 हजार से 2 लाख रुपये तक की सहायता मिलती है। सिलाई, डिजिटल लिटरेसी, महिला उद्यमिता को भी बढ़ावा दिया जाता है।
अब तक 26 बेटियों को मिला लाभ
रेडक्रॉस सोसायटी ऊना के सचिव संजय संख्यान ने बताया कि अब तक 26 छात्राओं को इस योजना के तहत सहायता दी जा चुकी है। पात्रता में हुए संशोधन के बाद इस संख्या के और तेजी से बढ़ने की संभावना है।
आवेदन कहां करें
इच्छुक लाभार्थी उपायुक्त कार्यालय ऊना के कक्ष संख्या 413 में संपर्क कर आवेदन कर सकते हैं।
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