HNN/ शिमला
हिमाचल प्रदेश में गेहूं की फसल पर संकट के बादल मंडराने लग पड़े हैं। मौसम की बेरुखी के कारण गेहूं की फसल समय से पहले ही पक गई तथा दाने का आकार भी नहीं बढ़ा। प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में भीषण गर्मी के कारण समय से पहले ही फसल पक गई है परंतु प्रदेश के कई क्षेत्र ऐसे भी है जहां अभी तक फसल पकी नहीं है। लंबे समय से राज्य में बारिश ना होने के कारण गेहूं की फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
बारिश न होने और लगातार चढ़ते तापमान के चलते गेहूं की फसल के दानों का आकार बढ़ नहीं रहा है जिसके चलते उत्पाद घटने की भी आशंका है। खेतों में नमी न होने के कारण फसल समय से पहले ही सूख रही है और गेहूं के दाने भी सिकुड़ कर रह गए हैं। किसानों की मानें तो बढ़ती महंगाई के दौर में महंगी दरों पर खरीद कर बोया गया बीज, खाद और भूमि की जुताई पर किया गया भारी भरकम खर्च भी किसानों के हाथ लगने वाला नहीं है।
हालाँकि कुछ क्षेत्रों में सिंचाई के साधन विद्यमान हैं परन्तु कई क्षेत्रों में गेहूं की फसल मौसम पर निर्भर रहती है। अक्सर किसान मई के शुरुआत से गेहूं की कटाई शुरू कर देते हैं परंतु इस बार मौसम की बेरुखी से कई क्षेत्रों में किसानों द्वारा गेहूं की कटाई जल्दी शुरू कर दी गई है।