सोलन
राज्य सरकार मेलों के माध्यम से सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए कर रही ठोस पहल
सांस्कृतिक संरक्षण का संदेश
स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय और सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा है कि हिमाचल की समृद्ध संस्कृति के प्रतीक मेलों को संरक्षित रखने और बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। सोलन जिला के चायल में तीन दिवसीय बाबा सिद्ध मेले के दौरान दूसरे दिन के कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही।
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जिला स्तरीय दर्जा दिलाने की घोषणा
डॉ. शांडिल ने कहा कि मेला सिद्ध बाबा चायल को ज़िला स्तरीय मेले का दर्जा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चायल न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह विश्व के सबसे ऊंचे क्रिकेट मैदान और पुष्प उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। सरकार इस क्षेत्र को धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर रोजगार के नए अवसर सृजित करने पर काम कर रही है।
स्थानीय विकास और स्वास्थ्य सेवाएं
उन्होंने चायल-कंडाघाट सड़क के शीघ्र स्तरोन्नयन और नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों की नियुक्ति की घोषणा की। साथ ही उन्होंने चायल में पार्किंग स्थल पर इंटरलॉक टाइल लगाने के लिए 5 लाख रुपये तथा मेला आयोजन समिति को 21 हजार रुपये अपनी ऐच्छिक निधि से देने की घोषणा भी की।
लोक संस्कृति और ग्रामीण भागीदारी
डॉ. शांडिल ने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी संस्कृति को केवल सहेजें नहीं, बल्कि इसे रोजगार का माध्यम भी बनाएं। उन्होंने लोगों की समस्याएं भी सुनीं और संबंधित अधिकारियों को इनके शीघ्र समाधान के निर्देश दिए। इस अवसर पर मिलिट्री स्कूल के छात्रों और स्थानीय कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
अन्य गणमान्य उपस्थित
इस कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, अधिकारियों, ग्रामीणों और मेला समिति के सदस्यों ने भाग लिया।
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